बुरे दौर का सामना

 

बुरे दौर का सामना जिंदगी में हर किसी को कभी न कभी करना ही पड़ता है। यह ऐसा समय है जबकि चीजें ठीक नहीं होती हैं और कडी मेहनत के बावजूद सफलता दूर बनी रहती है। इस समय व्यक्ति अपनी योग्यता पर संदेह करने लगता है। कई मौकों पर तो उसकी हिम्मत भी टूटने लगती है। बुरे दौर का डटकर सामना करना आगे बढ़ने के लिए बहुत जरूरी है। इस दौर से पार पाने में कुछ तरीके आपके लिए मददगार हो सकते हैं।

 

बुरे को छोड़कर आगे बढ़ें

  • जब भी जिंदगी में कटु अनुभवों या बुरे दौर से आपका सामना हो तो खुद को उसमें उलझाए रखने के बजाय अपने काम पर ध्यान दें।
  • ऐसे वक्त में अक्सर व्यक्ति अपनी कहानी दूसरों को सुनाकर उनसे सहानुभूति चाहता है लेकिन यह आपकी बहुत मदद नहीं करता है। जब भी आप इस कहानी को दूसरों के सामने रखते हैं तो बार-बार उसी कहानी में जिंदगी जीने लगते हैं।
  • जिस स्थिति में आप खुद को पा रहे हैं उस स्थिति से बाहर निकलने के बारे में सोचने पर ध्यान केंद्रित करेंगे तो ज्यादा फायदा पाएंगे।

 

खुद को दोष देना बंद करें

  • 'अगर आप ऐसा न करके वैसा करते तो शायद यह नहीं होता।'
  • अक्सर इस तरह के वाक्यों के सहारे लोग अपने आप को दिलासा देने की कोशिश करते हैं लेकिन खुद को इस तरह कोसना ठीक नहीं है।
  • अगर आप किसी मुसीबत में फंस गए हैं तो यह न सोचें कि आपने यह गलती कर दी है बल्कि यह सोचें कि इस कदम को आप ठीक कैसे कर सकते हैं।
  • अगर, मगर, यदि, किंतु, परंतु जैसे वाक्यों के साथ अपने मन में नकारात्मक ख्याल लाने से आप आगे बढ़ने की क्षमता और योग्यता दोनों का नुकसान करते हैं। इस तरह के विचार को छोड़कर आगे बढ़ने के रास्तों को तलाशें।

दूसरा रास्ता चुनते तो?

  • आप अक्सर यह सोचते हैं कि आपने गलत रास्ता चुन लिया और इस मुसीबत में फंस गए लेकिन आप इस तरह सोचिए कि अगर आप दूसरा रास्ता चुनते तो शायद ज्यादा बड़ी मुसीबत में फंस सकते थे।
  • अपनी मौजूदा स्थिति के बारे में खुद को कोसने के बजाय यह सोचिए कि आपने अपनी परिस्थितियों को देखते हुए निर्णय लिया था और उस वक्त वह निर्णय बिल्कुल ठीक था। फिर यहां खुद पर भरोसा भी रखना होगा कि आप इस स्थिति से भी खुद को बाहर निकाल लेंगे।

 

जो होगा अच्छा होगा

  • किसी भी गलत निर्णय के बाद आप खुद को बहुत सारी शंकाओं के बीच पाते हैं लेकिन याद रहे कि कोई भी स्थिति हमेशा नहीं रहने वाली है और समय के साथ आप हर तरह की स्थिति से अपने आप को बाहर निकाल लेते हैं।
  • कोई खुशी हमेशा टिकने वाली नहीं होती और उसी तरह समस्या भी हमेशा नहीं रहती है। अगर आप अपनी जिंदगी के गुजरे वर्षों को देखेंगे तो पाएंगे आपने पहले भी कई मुश्किलों पर जीत दर्ज की है। ऐसे समय में अपनी पुरानी उपलब्धियों को देखना आपको आगे बढ़ने में मदद ही करेगा।

आगे की राह

  • जब भी आप अपने साथ हुए हादसे में ही फंसे रहते हैं तब तक उससे बाहर निकलने के रास्ते के बारे में नहीं सोच पाते हैं। इसलिए जितनी जल्दी हो सके अपने आपको कोसना बंद करें और आगे के बारे में सोचें।
  • अपने साथ हुए बुरे को आप नई राह खुलने का संकेत भी मान सकते हैं।
  • जैसे अगर आपकी नौकरी चली जाए तो उससे डिप्रेशन में जाने के बजाय आपको यह सोचना चाहिए अब आप अपना मनचाहा काम तलाश सकते हैं।
  • कोई भी एक राह बंद होती है तो चार नई राहें खुलती हैं इस बात में यकीन रखें।

 

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