Robot: Are they dangerous for Jobs

We need fear from Robots. They are not detrimental for job creation but will ease work of Humans
#Navbharat_Times
Robot आज की हमारी दुनिया में आशा और आशंका दोनों का एक बड़ा स्रोत बने हुए हैं। जहां एक तरफ उनसे मिलने वाली सुविधाएं हमें आकृष्ट कर रही हैं वहीं दूसरी तरफ यह खतरा भी मुंह बाए खड़ा है कि ये हमारे युवाओं से रोजगार के मौके छीन लेंगे। 
इसी संदर्भ में संयुक्त राष्ट्र की एक ताजा स्टडी रिपोर्ट ने सबका ध्यान खींचा है जो बता रही है कि:

  •  रोबॉट से खास डरने की जरूरत नहीं है। 
  •  इस रिपोर्ट में विभिन्न देशों के अनुभव के आधार पर दिखाया गया है कि रोबॉट इंसानी श्रम शक्ति के लिए नुकसानदेह नहीं साबित होते। 
  • चीन औद्योगिक रोबॉटों की संख्या के मामले में दुनिया में दूसरे नंबर पर आता है। इसके बावजूद वहां पिछले दस वर्षों में न्यूनतम मजदूरी डेढ़ गुना बढ़ गई है। 
  • जर्मनी और मेक्सिको जैसे देशों में भी ऑटोमेशन के कारण रोजगार घटने के बजाय बढ़े हैं। कई देशों में रोबॉट के चलते बाहर से काम के ऑर्डर आने लगे हैं। गौरतलब है कि फिलहाल रोबॉट का प्रताप ज्यादातर विकसित देशों में ही दिखता है। 60 फीसदी रोबॉट विकसित देशों में हैं। ग्लोबल शेयर का 43 फीसदी तो केवल तीन देशों अमेरिका, जर्मनी और जापान में है।

भारत फिलहाल इसमें कहीं नहीं है लेकिन धीरे-धीरे ही सही इसे भी उस तरफ बढ़ना ही है। इसीलिए इससे जुड़ी आशाएं और आशंकाएं इसके लिए भी महत्वपूर्ण हैं। मगर, मार्के की बात यह है कि ऐसी कोई एक स्टडी इस बारे में अपनी राय स्थिर करने का आधार नहीं बन सकती। परस्पर विरोधी बातें कहने वाली कई स्टडी आती रही हैं और अभी आएंगी। वजह यह है कि अभी हमारी दुनिया इस नई प्रवृत्ति को समझने की प्रक्रिया में है। इसलिए सबसे अच्छी बात यही हो सकती है कि हम भी अपनी आशाओं और आशंकाओं को एक तरफ करके इसे समझने की कोशिश करें। डरने की जरूरत इसलिए नहीं है कि जैसी भी तकनीक हो इसे इंसान ने ही बनाया है और इंसान ही इसे इस्तेमाल भी करने वाला है। इसलिए एक बार इसकी खूबियों-खामियों को अच्छे से समझ लिया तो फिर इसके इस्तेमाल का सर्वश्रेष्ठ तरीका तय करने में भी हमें दिक्कत नहीं होगी
 

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