क्लोरोक्विन खाकर कोरोना वायरस से बचा जा सकता है?

Approval by FDA

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार यह बात कहते नज़र आ रहे थे कि #Chloroquine नाम की एक दवा कोरोना वायरस का इलाज है. उनके अलावा, दुनिया के सबसे बड़े तकनीक उद्यमियों में से एक एलन मस्क भी क्लोरोक्विन और हाइड्रॉक्सी-क्लोरोक्विन को लेकर ऐसे ही कुछ दावे करते दिखाई दिए थे. ये दावे तब कुछ हद तक सच साबित हो गए जब बीते गुरूवार को अमेरिका के स्वास्थ्य नियामक एफडीए ने हाइड्रॉक्सी-क्लोरोक्विन को कोरोना वायरस से होने वाली बीमारी कोविड-19 के इलाज के लिए मंजूरी दे दी.

Shortage of this:

लेकिन इससे कई दिन पहले से ही दुनिया भर के बाजारों में क्लोरोक्विन की कमी देखी जाने लगी थी. इससे जुड़ी खबरों पर गौर करें तो पता चलता है कि:

  • लगभग हर देश के अस्पतालों में इसे थोक में खरीदा गया है. इसके कारण फुटकर बाज़ार में इसकी उपलब्धता कम हो गई है. लेकिन भारत में एक अलग ही वजह के चलते यह दवा चर्चा में है.
  • यहां पर इसे इलाज की बजाय प्रोफाइलेक्टिक ड्रग यानी बचाव की दवाई की तरह इस्तेमाल किया जाने लगा है. आम लोगों में यह चर्चा है कि अगर सात दिन में एक बार इसका सेवन किया जाएगा तो कोरोना वायरस से बचाव हो सकता है.

Should we take this

इवॉल्यूशन और जेनेटिक्स पर शोध कर रहीं डॉ आस्था पाठक इससे थोड़ी अलग बात कहती हैं कि ‘अगर किसी की इम्युनिटी कमजोर है तो कोरोना वायरस से संक्रमित होने पर उसमें फ्लू के लक्षण होंगे. सात दिनों तक ये लक्षण रहते हैं. अगर इम्युनिटी कमजोर है तो सात दिन बाद ये लक्षण जानलेवा साबित हो सकते हैं. इन सात दिनों में क्लोरोक्विन दवा आपको इन लक्षणों से आराम देने के लिए दी जाती है. यानी कोरोना वायरस के इंफेक्शन से आप थोड़ा-थोड़ा रिकवर करते जाओगे.’ इसके अलावा, डॉ आस्था यह भी बताती हैं कि ‘क्लोरोक्विन के बारे में सबसे पहले समझने वाली बात यह है कि यह कोई वैक्सीन नहीं है. साथ ही यह भी समझा जाना चाहिए कि अगर कोरोना वायरस के कारण आपको बुखार आ रहा है तो इसका मतलब है कि आपका शरीर उस वायरस से लड़ रहा है. क्लोरोक्विन इसी प्रोसेस को बढ़ाती है लेकिन मुझे ऐसा लगता है कि अगर संक्रमण नहीं है तो इसे लेने की ज़रूरत भी नहीं है.’

What to take from it?

  इस दवा को खाने से कोरोना वायरस से बचाव हो सकेगा, इसकी संभावना कम ही है. लेकिन अमेरिका में एफडीए की अनुमति के बाद यह तय है कि कोविड-19 यानी कोरोना वायरस के इलाज के लिए इस दवा की काफी जरूरत पड़ने वाली है. ऐसे में जिस तरह से लोग ऐहतियात के तौर पर इसे खा रहे हैं, उसके चलते क्या आने वाले समय में यह असली जरूरतमंदों को मिल पाएगी?

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