पीने का पानी बचाने के लिए ऑस्ट्रेलिया ले रहा है दस हजार ऊंटों की जान

पीने का पानी बचाने के लिए ऑस्ट्रेलिया ले रहा है दस हजार ऊंटों की जान

पानी की तलाश में ऊंटों के झुंड ना केवल ग्रामीण इलाके के बुनियादी ढांचे को तबाह कर रहे हैं बल्कि बचे-खुचे पानी के स्रोतों को भी दूषित कर रहे हैं। वर्ष 2019 ऑस्ट्रेलिया के इतिहास में सबसे गर्म और सूखा वर्ष रहा है। गंभीर सूखे के कारण कुछ शहरों में जहां पानी के लिए त्रहि-त्रहि मची है वहीं जंगलों में लगी आग के चलते देश के दक्षिणपूर्व में स्थिति और ज्यादा खराब है।

सूखे के चलते जहां ऊंट प्यास से मरे रहे हैं वहीं पानी की खोज में एक-दूसरे को रौंद कर मार रहे हैं। इस दौरान मरने वाले पशु महत्वपूर्ण जल स्रोतों और सांस्कृतिक स्थलों को भी दूषित कर रहे हैं।

ऑस्ट्रेलिया में हैं सबसे ज्यादा जंगली ऊंट : ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप के विशाल रेगिस्तानी इलाके में फैली संभावनाओं को खोजने के लिए वर्ष 1840 में पहली बार ऊंटों का प्रयोग शुरू किया गया था। इसके बाद छह दशकों में भारत से 20 हजार से ज्यादा ऊंट आयात किए गए थे। आज आलम यह है कि दुनिया में सबसे ज्यादा जंगली ऊंट यहीं पाए जाते हैं।

ब्राजील पहुंचा जंगलों की आग का धुंआ : ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी आग का धुंआ ब्राजील तक जा पहुंचा है।

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