छत्तीसगढ़ में एक करोड़ ‘उजाला’ से हर वर्ष 557 करोड़ रुपये की बचत
उजाला योजना के तहत राज्य में करीब चार वर्ष एक करोड़ से अधिक एलईडी बल्ब आदि का वितरण किया जा चुका है। इससे करीब इससे व्यस्त समय (पीक ऑवर) में लगभग 279 मेगावॉट बिजली की बचत हो रही है।
पड़ोसी राज्यों की तुलना में कम : एलईडी वितरण के मामले में छत्तीसगढ़ पड़ोसी राज्यों की तुलना में पीछे है। करीब पांच करोड़ से अधिक एलईडी वितरण करने वाला ओडिशा देश में पहले स्थान पर है। गुजरात दूसरे और उत्तर प्रदेश तीसरे नंबर पर है। छत्तीसगढ़ का स्थान 11वां हैं।
एलईडी पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद : एलईडी बल्ब समेत अन्य उपकरण पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद माने जाते हैं। इन उपरकणों से कार्बन डाइआक्साइड का उत्सर्जन कम होता है। राज्य में एलईडी के उपयोग से कार्बन डाइआक्साइड के उत्सजन में 11,27,692 कमी आई है।
करीब चार वर्ष में 36 करोड़ से अधिक एलईडी का वितरण : उजाला योजना की शुआत देश में एक मई 2015 को की गई थी। योजना के तहत करीब चार महीने में अब तक 36,13,86,121 एलईडी का वितरण हो चुका है।
बल्ब के साथ ट्यूब और पंखा : योजना के तहत सरकार नौ वॉट का एलईडी बल्क के साथ एलईटी ट्यूब लाइट और पंखा सरकार की अधिकृत एजेंसियां सस्ते दर पर बेचाती हैं। एक बल्ब 70 और ट्यूब लाइट 220 रुपये में मिलता है।