- जापान के तकाकी कजीता और कनाडा के ऑर्थर मैक्डोनाल्ड को भौतिकी-शास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार देने की घोषणा की गई।
- न्यूट्रीनो की ‘‘गिरगिट की तरह रंग बदलने’ वाली प्रकृति की खोज के लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया है। इस खोज से यह अहम नजरिया विकसित हो सका है कि सूक्ष्म कणों में भी द्रव्यमान होते हैं।
- रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने कहा कि दोनों शोधकर्ताओं ने उन प्रयोगों में अहम योगदान किए जिनमें दिखाया गया कि न्यूट्रीनो ब्रह्मांड में जब गुजरते हैं तो लगभग प्रकाश की गति से अपनी पहचान बदलते हैं।
- न्यूट्रीनोज परमाणु अभिक्रि याओं, जैसे- सूर्य, तारों या परमाणु ऊर्जा संयंत्रों, में पैदा होने वाले सूक्ष्म कण होते हैं। न्यूट्रीनोज तीन तरह के होते हैं और नोबेल पुरस्कार के लिए चुने गए वैज्ञानिकों ने दिखाया कि वे एक प्रकार से दूसरे प्रकार में दोलित होते हैं। इससे यह मान्यता कमजोर होती है कि वे द्रव्यमानविहीन होते हैं।
- ‘‘इस खोज ने पदार्थ की आंतरिक क्रियाओं को लेकर इस समझ को बदल दिया है और ब्रह्मांड को हम जिस तरह से देखते हैं, उसमें यह अहम साबित हो सकता है।’
- भौतिकी के नोबेल के लिए चुने गए दोनों वैज्ञानिक 80 लाख स्वीडिश क्रोनर (करीब 960,000 अमेरिकी डॉलर) आपस में साझा करेंगे। 10 दिसम्बर को आयोजित किए जाने वाले पुरस्कार समारोह में प्रत्येक विजेता को एक डिप्लोमा और एक स्वर्ण पदक से भी नवाजा जाएगा।