- बेलारूस की लेखिका स्वेतलाना अलेक्सीविच को इस साल का साहित्य का नोबेल पुरस्कार देने की घोषणा की गई है।
- उन्हें उनकी कृतियों में पूर्व सोवियत संघ में लोगों की जिंदगी के वर्णन को लेकर इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए चुना गया।
- उन्हें अपने पत्रकारिता के अनुभव को सोवियत संघ तथा उससे जुड़ी हुई घटनाओं और त्रासदियों जैसे 1986 के चर्नोबिल काण्ड, अफगानिस्तान में सोवियत सेना की तैनाती, सोवियत संघ के विघटन, आदि को साहित्यिक कड़ियों में पिरोने के लिए जाना जाता है।
- स्वीडिश एकेडमी ने 67 वर्षीय स्वेतलाना के लेखन को अपने समय की पीड़ा और साहस की निशानी बताया है। उनकी कृतियों को ‘वॉयसेज ऑफ यूटोपिया’ का नाम दिया गया है।
- इसमें पूर्व सोवियत संघ में लोगों के जीवन के अलावा 1986 के चेरनोबिल परमाणु हादसे, अफगानिस्तान में रूस की लड़ाई और दूसरे विश्व युद्ध का वर्णन किया गया है।
- उनकी किताबों का विश्व की कई भाषाओं में अनुवाद किया गया है और उन्हें कई अंतरराष्ट्रीय अवार्ड भी मिले हैं। लेकिन विवादास्पद रूप से रूसी भाषा में लिखी उनकी किताबें उनके देश में प्रकाशित नहीं हुईं। उनकी पहली किताब ‘वार्स अनवोमैनली फेस’ 1985 में प्रकाशित हुई।
- वे साहित्य का नोबेल पुरस्कार जीतने वाली 14वीं महिला बन गईं।