- बजट में घोषित गूगल टैक्स के नाम से मशहूर इक्वलाइजेशन लेवी 1 जून, 2016 से लागू हो गया है ।
- नियम के तहत, देश के कारोबारियों द्वारा विदेशी ऑनलाइन सर्विस प्रोवाइडरों, मसलन गूगल, याहू, ट्विटर, फेसबुक आदि को दिए ऑनलाइन ऐड के लिए भुगतान की गई राशि पर 6% लेवी वसूला जाएगा, बशर्ते पेमेंट की राशि पूरे वित्त वर्ष में एक लाख रुपये को पार कर जाए।
- यह लेवी सिर्फ बिजनस टु बिजनस (B2B) ट्रैंसेक्शंस पर ही लगेगा।
- गूगल टैक्स वसूलने वाला दुनिया का पहला देश भारत: अमेरिका जैसे देशों की ओर से कड़े विरोध के बावजूद भारत ने बेस इरॉजन ऐंड प्रॉफिट शिफ्टिंग ऐक्शन प्लान लागू करने पर कड़ी मेहनत की है। यह डिजिटल इकॉनमी पर सरकारों द्वारा टैक्स लगाने का एक विकल्प देता है और इसी विकल्प के इस्तेमाल का एक जरिया इक्वलाइजेशन लेवी लगाना है। भारत दुनिया का पहला देश है जो इक्वलाइजेशन लेवी लागू कर इस ऑप्शन का इस्तेमाल करने जा रहा है
- अगर विदेशी सर्विस प्रोवाइडरों के भारत में स्थायी बिजनस संस्थान हैं और बिल भारत वाले संस्थान से ही बनता है तो पेमेंट पर इक्वलाइजेशन लेवी नहीं लगाया जाएगा। इक्वलाइजेशन लेवी गूगल, याहू, फेसबुक, ट्विटर और दूसरी कंपनियों के बॉटम लाइंस को प्रभावित कर सकता है।