पूरी दुनिया में करीब 30 करोड़ बच्चे यानी औसतन सात में से एक बच्चा जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर है. ये बच्चे उन इलाकों में रहते हैं जहां सामान्य के मुकाबले छह गुना या ज्यादा वायु प्रदूषण है. यह बात संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की संस्था यूनिसेफ द्वारा सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में कही गई है.
- रिपोर्ट के मुताबिक इस तरह की आबोहवा में रहने की वजह से इन बच्चों को स्वास्थ्य संबंधी गंभीर परेशानियां हो सकती हैं.
- इसके अलावा इनके मस्तिष्क का विकास भी बाधित हो सकता है. यूनिसेफ की इस शोध रिपोर्ट में बच्चों के मौत की एक बड़ी वजह जहरीली हवा को बताया गया है.
संस्था ने अपनी रिपोर्ट में विश्व के नेताओं से वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए जरूरी कदम उठाने की अपील की है.अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बच्चों के कल्याण और अधिकारों के लिए काम करने वाली यूनिसेफ की यह शोध रिपोर्ट यूएन के जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के आयोजन से एक हफ्ते पहले आई है. यह सम्मेलन सात से 18 नवंबर के बीच मोरक्को के मर्राकेश शहर में होगा. इसमें 190 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधियों के हिस्सा लेने की संभावना है