1). जलापूर्ति, साफ-सफाई और स्वच्छता में सुधार:-
- 20-50 लीटर: संयुक्त राष्ट्र के अनुसार रोजाना पीने, खाना बनाने और सफाई में इस्तेमाल के लिए हर एक व्यक्ति को जरूरी पानी,
- 7 में से 1 व्यक्ति को स्वच्छ पेय जल नसीब नहीं और तीन में से एक व्यक्ति पर्याप्त साफ-सफाई से महरूम
- अपर्याप्त जल आपूर्ति, सफाई हर साल करीब 35 लाख लोगों की मौत का कारक
- आज दुनिया की केवल 67 फीसद आबादी को ही स्वच्छता नसीब है
- अगर उपयुक्त साफ-सफाई और स्वच्छ जल आपूर्ति सुनिश्चित हो तो हर साल 15 लाख बच्चों की जान बचाई जा सकती है
- स्वच्छ जल अकेले जलजनित मौतों को 21% कम कर सकता है
- स्वच्छता अकेले जलजनित मौतों को 37% कम कर सकती है
- हाथ धोने से जलजनित मौतें 35% कम हो सकती हैं
=>2) मौतों और रोगों में कमी:-
- वैश्विक स्तर पर बीमारियों और मौतों का शीर्ष कारक है डायरिया
- 30 हजार मौतें हर सप्ताह असुरक्षित जल और रहने के अस्वच्छ तौर-तरीकों से होती हैं
- 90% मौतों में पांच साल से कम आयु के बच्चे
- डायरिया से होने वाली 88% मौतें असुरक्षित पेयजल, सफाई सुविधा के अभाव के चलते
=>3). पौष्टिक भोजन में वृद्धि:-
- 2050 में बढ़ी हुई आबादी की खुराक पूरी करने के लिए 60% अधिक भोज्य पदार्थों की जरूरत
- सिंचाई और खाद्यान्न उत्पादन मद में स्वच्छ जल की सर्वाधिक खपत है।
- कुल जल दोहन का करीब 70% स्वच्छ जल कृषि कार्यों में इस्तेमाल होता है।
- कुछ तेज अर्थव्यवस्थाओं में तो यह 90% है।
- तब तक कृषि जल खपत में 19 फीसद वृद्धि हो चुकी होगी
=>4). घटते जल विवाद:-
- दुनिया की 276 ट्रांसबाउंड्री रिवर बेसिनों से पानी के इस्तेमाल को लेकर तलवारें खिंची हुई हैं
- 92.7% 256 कुल मामलों में से उनकी संख्या जो दो, तीन या चार देशों की साझा हैं
- 7.2% 20 कुल में से वे मसले जिनके साझीदार देश पांच या अधिक हैं
0.1% अधिकतम
- डेन्यूब नदी है जिसके बेसिन को 18 देश साझा करते हैं।
=>5) लैंगिक समानता:-
- अफ्रीका में पानी और लकड़ी जुहाने संबंधी 90% कार्य महिलाएं करती हैं
- महिलाओं और लड़कियों को अक्सर प्रत्येक दिन जल की तलाश में छह घंटे बर्बाद करना पड़ता है
- इसके चलते केवल अफ्रीका में जल की खोज में 40 अरब घंटे नष्ट होते हैं
=>6) स्कूल उपस्थिति में वृद्धि :-
- छात्रों का अकादमिक प्रदर्शन और उपस्थिति जल जुटाने या जलजनित मरीज की तीमारदारी से प्रभावित होती है
- किसी जल स्नोत की दूरी 30 मिनट से घटकर 15 मिनट होने से स्कूल में लड़कियों की उपस्थिति में 12% इजाफा
=>7) गरीबी में सुधार:-
=>20% - जो महिलाएं पानी की तलाश में हर दिन घंटों बर्बाद करती हैं,
वे अपना समय अन्य उत्पादक कार्यों या खाद्यान्न उत्पादन में लगा सकती हैं
- 30% महिलाएं अपने खेतों की पैदावार बढ़ा सकती हैं और भुखमरी से जूझ रहे
- 15 करोड़ लोगों को उबार सकती हैं
- बच्चों की स्कूल उपस्थिति में सुधार उनके बेहतर करियर में सहायक है
=>8) प्रदूषण में कमी:-
- 44% वज्र्य जल के शोधन में काफी ऊर्जा लगती है। शोधन के लिए ऊर्जा की इस मांग में वैश्विक रूप से 2006 से 2030 के दौरान 44 फीसद वृद्धि का अनुमान है
=>9) जैव विविधता की सुरक्षा :-
- ताजे जल में 10% जीव प्रजातियां रहती हैं। इनमें 35% सभी कशेरुकी हैं।
1970 से 2000 के बीच ताजे जल की प्रजातियों की आबादी 55% कम हुई
=>10) जलवायु परिवर्तन प्रभाव :-
- जलवायु परिवर्तन का सर्वाधिक और तात्कालिक असर जल पर ही
साल 1900 से सूखे के चलते 1.1 करोड़ लोग मारे जा चुके हैं। दो अरब लोग सूखे से प्रभावित हो चुके हैं।