प्लास्टिक कचरे को रीसाइकिल करने की नई योजना का भारत समेत 40 से ज्यादा देशों के उद्योगपतियों ने समर्थन किया है।
दरअसल, डर इस बात का सता रहा है कि अगर तुरंत कदम नहीं उठाए गए तो 2050 तक समुद्र में मछलियों से ज्यादा प्लास्टिक हो जाएगी।
इस योजना का उद्देश्य पैकेजिंग में इस्तेमाल हो रही कुल प्लास्टिक की रीसाइक्लिंग को मौजूदा 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 70 प्रतिशत करना है।
इस योजना को एक रिपोर्ट की शक्ल में विश्व आर्थिक मंच (डब्लूईएफ) और एलन मैकआर्थर फाउंडेशन ने प्रस्तुत किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, 20 प्रतिशत प्लास्टिक पैकेजिंग को फिर से इस्तेमाल किया जा सकता है।
जबकि, पैकेजिंग के डिजाइन और इस्तेमाल के बाद की प्रबंधन प्रणाली में सुधार करके बाकी 50 प्रतिशत प्लास्टिक पैकेजिंग को लाभदायक रूप से रीसाइकिल किया जा सकता है।
रिपोर्ट यह भी कहती है कि डिजाइन में बिना मौलिक बदलाव और नवीनीकरण के शेष 30 प्रतिशत प्लास्टिक पैकेजिंग को कभी भी रीसाइकिल नहीं किया जा सकता।