★ माइक्रो चिप्स के जरिए सभी पर आसानी से नजर रखी जा सकेगी और साथ ही उन्हें शिकारियों से सुरक्षित रखा जा सकेगा।
★देशभर में जिस प्रकार इंसानों को उनका आधार कार्ड के रूप में यूनीक नंबर दिया गया है उसी तरह अब जानवरों का भी आधार कार्ड बनवाया जाएगा।
★ सेंट्रल जू अथॉरिटी द्वारा एक अभियान चलाया जा रहा है जिसमें जानवरों के शरीर में एक माइक्रो चिप लगाई जाएगी। इस चिप को लगाने के बाद कोई कहीं से भी जानवरों के बारे में हर प्रकार की जानकारी ले सकता है।
कहाँ से शुरुआत :-
★इस अभियान की शुरुआत उत्तराखंड के देहरादून के चिला हाथी रेंज और मालसी डियर पार्क से की गई है जहां पर मौजूद हाथी, गुलदार, घड़ियाल, गिद और कछुवों के शरीर में चिप लगाई गई है।
★ चिप को लगाने के बाद इसे जिम नाम के एक सॉफ्टवेयर से जोड़ा जाएगा जिससे कि सभी चिड़ियाघर एक दूसरे से कनेक्ट हो जाएंगे।
जटिल है प्रक्रिया :-
★ जीवों के शरीर में चिप लगाने का काम बहुत ही कठिन है लेकिन इसे तीन चरणों में पूरा किया जाएगा।
★इस अभियान की शुरुआत में देश के 166 में से 26 चिड़ियाघरों के जानवरों के शरीर में चिप लगाने का काम किया जाएगा। इस काम को करने में तीन साल लग जाएंगे।
लाभ :-
★ इन सभी चिड़ियाघरों में हजारों की तदाद में जीव रहते हैं लेकिन इनका बाहरी कोई रिकॉर्ड नहीं है। इन चिप के जरिए जानवरों का इतिहास जाना जा सकेगा।
★ इसके साथ ही सभी चि़ड़ियाघरों की निगरानी की जा सकेगी और कोई भी अपनी मनमानी के जानवरों को इधर से उधर नहीं भेज पाएगा। और साथ ही उन्हें शिकारियों से भी सुरक्षित रखा जा सकेगा।