किसलिए
- भारत को अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता का केंद्र बनाने और वैकल्पिक विवाद निस्तारण प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए
- मध्यस्थता को अधिक प्रभावी बनाने के उपाय सुझाने के लिए
विस्तार से
- समिति की अध्यक्षता उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश बी एन श्रीकृष्णा करेंगे।
- यह समिति 90 दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
समिति को गठित करने के कारण
- वाणिज्यिक विवादों का तेजी से समाधान सुनिश्चित करने और विभिन्न समझौतों के तहत अंतरराष्ट्रीय और घरेलू मध्यस्थताओं का कारगर संचालन सुगम बनाने के लिए मध्यस्थता तंत्र को तेज करने और देश में मध्यस्थता के माहौल को मजबूत बनाने के लिए विभिन्न कारकों की पड़ताल करना जरूरी समझा गया है।
- भारत को अंतरराष्ट्रीय और घरेलू मध्यस्थता का केंद्र बनाने के लिए विशेष मुद्दों और उसके लिए जरूरी रोडमैप का परीक्षण करना भी महत्वपूर्ण है।
- मध्यस्थता पर विधायी और प्रशासनिक कदम ताकि अदालतों के हस्तक्षेप को कम किया जा सके, खर्च में कटौती की जा सके, तेजी से निस्तारण के लिए समय-सीमा तय की जा सके और मध्यस्थ की निष्पक्षता सुनिश्चित की जा सके और फैसलों को लागू किया जा सके।
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