मौसम विभाग का अनुमान, सामान्य से ज्यादा बारिश

  • मौसम विज्ञान विभाग ने मंगलवार को अनुमान लगाया कि इस बार सामान्य से ज्यादा बारिश होगी।
  •  पिछले  दो साल लगातार सूखा पडऩे से इस बार मानसून के शानदार रहने rainfallकी संभावना है। झमाझम बारिश होने से कृषि क्षेत्र के साथ देश की अन्य आर्थिक गतिविधियों को बल मिलेगा। 
  • सूखाग्रस्त मराठवाड़ा, विदर्भ, बुंदेलखंड जैसे क्षेत्रों में अच्छी बरसात होगी।
  • इस बार मानसून पूरे देश में झूमकर बरसेगा।
  • हालांकि पूर्वोत्तर व दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र में सामान्य से कम बारिश का अनुमान है। तमिलनाडु और रायलसीमा के कुछ हिस्सों में बरसात कम हो सकती है। 

इसका कारण क्या है?

सूखे के लिए जिम्मेदार अल नीनो कमजोर पड़ रहा है, जो पूर्वी प्रशांत महासागर की सतह गर्म होने से पैदा होता है। इसकी जगह ला नीना का रास्ता साफ हो रहा है, जो महासागर की सतह को ठंडा कर बारिश लाता है।

rainfall anlysis

भारत की अर्थव्यवस्था और मॉनसून

  • देश की 60 फीसदी आबादी को खेती से रोजगार मिलता है और खेती का ज्यादातर हिस्सा मॉनसून भरोसे है, क्योंकि 40 फीसदी खेतों तक ही सिंचाई की सुविधा है।
  • भारतीय सकल घरेलू उत्पाद में 15 फीसद की हिस्सेदारी रखने वाली खेती पर 60 फीसद लोगों निर्भरता के लिए मानसून की अहम भूमिका रहती है। देश में केवल 40 फीसद खेती ही सिंचित है। 

पूर्वानुमान के लिए युग्‍मित मॉडल

  • पर्यावरण पूर्वानुमान के लिए राष्‍ट्रीय केंद्र (एनसीईपी) अमेरिका द्वारा मूल रूप से विकसित यु‍ग्‍मित पूर्वानुमान प्रणाली (सीएफएस) के उच्‍च संकल्पित अनुसंधान संस्‍करण को फरवरी की प्रारंभिक स्थितियो का उपयोग करते हुए 2016 की दक्षिण पश्चिम मौसम की प्रयोगात्‍मक पूर्वानुमानों को प्राप्‍त करने के लिए उपयोग किया गया है।
  • यह प्रयोगात्‍मक पूर्वानुमान मॉनसून मिशन के साथ-साथ गत्‍यामक मॉडल पर आधारित है 

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