देश को आतंकवादियों से ज्यादा खतरा नक्सलवादियों से है। अब ये बात एक इंटरनेशनल रिसर्च में भी साबित हो गई है। पिछले वर्ष भारत में आतंकी हमलों में 61 प्रतिशत से ज्यादा लोग नक्सली हमलों में मारे गए। ये सिर्फ एक आंकड़ा नहीं है। इससे ये भी साबित होता है कि हमारे घर के दुश्मन हमारे लिए सबसे ज्यादा घातक हैं। भारत में माओवादियों का संगठन दुनिया का चौथा सबसे खतरनाक आतंकी संगठन है।
किसने दी है यह रिपोर्ट : ये रिपोर्ट अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ मेरीलैंड के रिसर्च और एजुकेशन सेंटर, START ने तैयार की है। ये रिसर्च सेंटर अमेरिका के स्टेट डिपार्टमेंट यानी विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर पूरी दुनिया में आतंकवाद पर रिसर्च करता है।
रिपोर्ट में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य :
- इस रिपोर्ट के मुताबिक 2015 में पूरी दुनिया में 28 हज़ार 328 आतंकी हमले हुए, जिनमें 35 हज़ार 320 लोगों ने जान गंवाई।
- आतंकवाद से प्रभावित देशों की सूची में इराक़, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बाद भारत चौथे नंबर पर है।
- 2015 में भारत में कुल 791 आतंकी हमले हुए, जिनमें 43 प्रतिशत हमले नक्सलियों ने किए।
- ये रिपोर्ट बताती है कि भारत में माओवादिओं का संगठन दुनिया का चौथा सबसे खतरनाक आतंकी संगठन है।
- दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकी संगठनों की सूची में तालिबान सबसे ऊपर है। जिसने 2015 में 1 हज़ार 93 आतंकी हमले किए। जिनमें कुल 4 हज़ार 512 लोगों की मौत हुई।
- ISIS दुनिया का दूसरा सबसे खतरनाक आतंकी संगठन है। जिसने पिछले वर्ष 931 हमलों को अंजाम दिया और इन हमलों में 6 हज़ार 50 लोगों की मौत हुई।
- इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर बोको हरम है, जिसने 2015 में 491 आतंकी हमले किए और इन हमलों में 5 हज़ार 450 लोगों को मार डाला।
- इसके बाद चौथे नंबर पर भारत के माओवादी हैं, जिन्होंने 2015 में 343 हमले किए और इन हमलों में 176 लोग मारे गए। जबकि इस दौरान भारत में हुए आतंकवादी हमलों में 113 लोग मारे गए। यानी आतंकी हमलों से ज्यादा लोग नक्सली हमलों में मारे गए।
ये रिपोर्ट ये भी बताती है कि भारत में आतंकी हमलों में किडनैप या बंधक बनाने की घटनाओं में 3 गुना की बढ़ोत्तरी हुई है। 2014 में बंधक बनाने या किडनैपिंग की 305 घटनाएं हुई थीं, जो 2015 में बढ़कर 862 हो गईं। यानी इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत के लिए नक्सलवाद बहुत बड़ा ख़तरा है। हमने भारत में नक्सलवाद पर आज बहुत ही विस्तृत रिसर्च की है, जिसमें हमारे सामने कई चौंकाने वाली जानकारियां भी आई हैं।
-2005 से 2016 तक नक्सली हमलों में कुल 7 हज़ार 187 लोग मारे गए।
-इन 12 वर्षों में हुए नक्सली हमलों में 2 हज़ार 914 आम नागरिक भी मारे गए।
-जबकि 1 हज़ार 840 सुरक्षा बलों के जवान शहीद हुए।
-हालांकि इस दौरान सुरक्षा बलों ने 2 हज़ार 433 नक्सलियों को मार भी गिराया।
★माओवादी भारत के लिए एक ऐसी बीमारी बन चुके हैं, जिसका कोई इलाज फिलहाल नहीं दिख रहा है। भारत के 17 राज्यों के 118 ज़िलों में माओवादी सक्रिय रूप से आतंक फैला रहे हैं। 2015 में एक RTI के जवाब में गृह मंत्रालय ने बताया था कि, पिछले 10 वर्षों में नक्सली संगठन CPI (Maoists) ने 489 ट्रेनिंग कैंप्स लगाए थे, जिनमें 40 हज़ार नक्सलियों को गुरिल्ला वॉरफेयर और हथियारों की ट्रेनिंग दी गई थी।
★नक्सली संगठन पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी यानी PLGA के पास 9 हज़ार से लेकर 12 हज़ार तक नक्सली लड़ाके बताए जाते हैं। नक्सलियों ने वसूली को अपना मुख्य धंधा बनाया हुआ है और इस वसूली का सालाना कारोबार सैकड़ों करोड़ रुपये का है। इस पैसे के ज़रिए ही ये लोग आधुनिक हथियार ख़रीदते हैं। लोकसभा में दिए गए एक आंकड़े के मुताबिक नक्सली, हर साल 140 करोड़ रुपये की वसूली करते हैं।