यह योजना क्यों :
अफगानिस्तान को भारतीय मदद पहुंचाने में हर तरह की अड़चन खड़ा करने में जुटे पाकिस्तान को दरकिनार करने के लिए | अभी पाकिस्तान की अड़चन की वजह से ही भारत चाह कर भी अफगानिस्तान को दो लाख टन गेहूं नहीं पहुंचा पा रहा है। सीधे कार्गो लिंक के लिए अफगानिस्तान को भारत की तरफ से विशेष आर्थिक मदद दी जाएगी
क्या है यह योजना
योजना यह है कि जब तक ईरान-अफगान सीमा पर चाबहार पोर्ट तैयार नहीं होता है, तब तक भारत व अफगानिस्तान के बीच विशेष कार्गो सेवा शुरू की जाए। । दोनो देशों के बीच कागरे लिंक बनने के बाद कारोबार के लिए भारत, पाकिस्तान के भरोसे नहीं रहेगा।
क्या होंगे फायदे :
- एयर कार्गो लिंक बन जाने के बाद भारत को अफगानिस्तान से सूखे मेवे, हस्तशिल्प, कार्पेट आदि की आपूर्ति काफी बढ़ जाएगी। अभी यह सामान वाघा बार्डर या कराची पोर्ट से होकर भारत आते हैं, जिसमें काफी मुश्किलें हैं।
- अभी होता यह है कि पाकिस्तानी नीति के अनुसार अफगानिस्तान से भारत आने वाले हर सामान को वाघा वार्डर पर पूरी तरह से खोल कर जांच की जाती है। इसमें समय ज्यादा लगता है और बड़ी मात्र में सूखे मेवे नष्ट भी हो जाते हैं। लेकिन, सीधा कार्गो होने के बाद कंधार एयरपोर्ट से यही खाद्य सामग्री सीधे दिल्ली पहुंचेगी
- कार्गो लिंक शुरू करना भारत व अफगानिस्तान के गहराते रिश्तों का एक उदाहरण है। दोनों देश पाकिस्तान की तरफ से आतंकवाद को बढ़ावा देने की नीति से परेशान है। अफगानिस्तान का कहना है कि पाकिस्तान के समर्थन से ही तालिबान का अभी तक अफगानिस्तान से सफाया नहीं हो सका है। भारत भी पाक समर्थितआतंकवाद से पीड़ित है।