रूस ने अमरीका के साथ परमाणु समझौता तोड़ दिया है और अमरीका ने सीरिया पर रूस से बातचीत ख़त्म कर दी है.
★ दो परमाणु शक्ति वाले इन बड़े देशों में बढ़ती तकरार से पूरी दुनिया को ख़तरा हो सकता है.
=>>जानिए क्या है पूरा मामला और इसका भारत समेत पूरी दुनिया पर क्या असर होगा?
=>परिप्रेक्ष्य , क्या था दोनों देशों के बीच परमाणु समझौता?
- प्राकृतिक संसाधनों से मिलने वाले यूरेनियम को संवर्धित कर प्लूटोनियम बनाया जाता है जिसका इस्तेमाल परमाणु हथियारों में किया जाता है.
- पूरी दुनिया में क़रीब 1,600 टन प्लूटोनियम का भंडार मौजूद है. इसमें से ज़्यादातर परमाणू हथियार रखने वाले देशों के पास है और उनमें भी सर्वाधिक रूस के पास है.
★साल 2000 में दोनों देशों के बीच हुए इस समझौते के तहत उन्हें अपने भंडार में अतिरिक्त प्लूटोनियम का कम से कम 34-34 टन, अपने संयंत्रों में नष्ट करना था.
★ अमरीकी विदेश मंत्रालय के मुताबिक ये 68 टन प्लूटोनियम 17,000 परमाणु हथियार बनाने के लिए पर्याप्त होता है.
- दोनों देशों के बीच ये समझौता परमाणु क्षमता को घटाने और परमाणु ईंधन को चरमपंथी गुटों की पहुंच से बचाने के लिए था.
★साल 2010 में उन्होंने इस समझौते पर दोबारा मुहर लगाई थी.
=>>समझौता क्यों निलंबित
◆ इसी साल अप्रैल में रूस ने कहा था कि अमरीका जिस प्रकिया से प्लूटोनियम का निपटान कर रहा था, उससे उसे वापस निकालकर परमाणु हथियार में इस्तेमाल किया जा सकता है.
◆हालांकि अमरीका ने इससे इनकार करते हुए कहा है कि निपटान का तरीका समझौते का उल्लंघन नहीं है.
◆विशेषज्ञ असली वजह साल 2014 में यूक्रेन से क्राइमिया को अलग किए जाने के बाद, अमरीका और यूरोपीय संघ के द्वारा रूस के खिलाफ़ लगाए कई प्रतिबंध मानते हैं.
◆रूस ने समझौते को दोबारा लागू करने के लिए अमरीका के लिए कुछ शर्तें भी रखी हैं जिनमें सितंबर 2000 के बाद सैन्य गठबंधन नैटो में जुड़ने वाले देशों में अमरीका की ताकत कम करने और रूस से सभी प्रतिबंध हटाना शामिल हैं.
=>>अमरीका-रूस रिश्तों में इतनी ख़ट्टास क्यों आ गई है?
◆ पिछले महीने से सीरिया में रूसी और सीरियाई सेना के हमले तेज़ होने के बाद से अमरीका और रूस के बीच तनाव बढ़ा और अमरीका ने सीरिया युद्ध पर रूस के साथ बातचीत को निलंबित कर दिया.
◆ दोनों देशों में समझौता हुआ था जिसके मुताबिक सीरिया में युद्धविराम लागू होना था और इसके सफल होने की स्थिति में अमरीका और रूस जेहादियों को निशाना बनाने के लिए संयुक्त सैन्य सेल बनाने पर सहमत हुए थे.
◆ अमरीका ने सीरिया और रूस पर नागरिकों, अस्पतालों और मानवीय सहायता संगठनों को निशाना बनाकर हमले तेज़ करने का आरोप लगाया है.
=>>क्या ये दूसरा शीत युद्ध की तरफ़ ले जाएगा?
★ सीरिया में रूस और अमरीका के बीच का तनाव अब छद्म युद्ध की शक़्ल ले रहा है जहां दोनों देश एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं.
★ "इसे दूसरा शीत युद्ध तो नहीं कह सकते क्योंकि तब हालात अलग थे पर स्थिति बहुत डरावनी है और किसी नए रूप के शीत युद्ध से आर्थिक मंदी से जूझ रही पूरी दुनिया को ही नुक़सान होगा."
★शीत युद्ध के व़क्त अमरीका पूंजीवादी देश था और रूस साम्यवादी. अब दोनों देश पूंजीवादी हो गए हैं और दोनों के ही दुनिया के कई हिस्सों में उनके आर्थिक और सामरिक सरोकार हैं.
★परमाणु समझौता निलंबित किए जाने पर रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने अमरीका पर आरोप भी लगाया है कि रूस की तरफ़ अमित्रतापूर्ण क़दम उठाकर उसने सामरिक स्थिरता के लिए ख़तरा पैदा कर दिया है.
- किसी तीसरी ताकत की कमी की वजह से ये द्विपक्षीय तनाव और बढ़ा है और इसका हल करने के लिए दुनिया के अलग-अलग देशों को जल्द साथ आऩे की ज़रूरत है.