- एशिया की सबसे लंबी चिनैनी-नाशरी टनल उपयोग के लिए तैयार है। यह 2 अप्रैल को देश को समर्पित होगी.
- करीब नौ किलोमीटर लंबाई बाले इस टनल का निर्माण कार्य करीब साढ़े चार साल पहले शुरू हुआ था।
- इस पर तीन हजार दो सौ करोड़ रुपये खर्च आए हैं। अपनी तरह का यह पहला टनल है और इसके निर्माण में विश्व की अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल हुआ है।
- कुल 19 किलोमीटर टनल का निर्माण किया गया है। नौ किलोमीटर मुख्य टनल के साथ-साथ नौ किलोमीटर ही एस्केप टनल और एक किलोमीटर क्रास पैसेज शामिल है।
- इस टनल के खुलने से चिनैनी से नाशरी तक का रास्ता 31 किलोमीटर कम हो जाएगा।
टनल की विशेषता
- टनल की कुल लंबाई नौ किलोमीटर है, जो कि एशिया में सबसे लंबा टनल है।
- अगर कोई दुर्घटना होती है तो टनल के साथ एस्केप टनल बनाया गया है। इस टनल से ही यात्रियों को बाहर निकला जाएगा।
- टनल में आयल टैंकर या फिर गैस टैंकर को चलने की इजाजत नहीं होगी।
- टनल के बीच एसओएस बनाए गए हैं। इनमें कोई भी समस्या आने पर यात्री तुरंत यहां बटन दबाकर कंट्रोल रूम को सूचित कर सकता है।
- टनल पूरी तरह से मानव रहित होगा और इसका पूरा संचालन कंट्रोल रूम से होगा।
- पर्यावरण को विशेष ध्यान रखा गया है। टनल के बाहर केवल स्वच्छ हवा ही जाएगी ताकि पर्यावरण प्रदूषित न हो।
- टनल के आने और जाने का एक ही रास्ता है।
- बारह हजार टन स्टील और पैंसठ लाख सीमेंट की बोरियां इस्तेमाल हुई हैं।