★ सरकार ने यातायात नियमों के उल्लंघन पर बढ़े जुर्माने व सजा के साथ हादसा पीडि़तों को त्वरित मुआवजे तथा डीएल व आरसी को आधार से लिंक करने के प्रावधानों वाला संशोधित मोटर वाहन संशोधन विधेयक 2016 लोकसभा में पेश कर दिया।
★ विधेयक से परिवहन क्षेत्र में बहुप्रतीक्षित सुधार को गति मिलेगी। इसमें थर्ड पार्टी बीमा तथा टैक्सी एग्रीगेटर्स के मुद्दों का समाधान करने की कोशिश भी की गई है।
★'बिल में ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के आवेदन के साथ आधार नंबर देना अनिवार्य किया है।
★लर्निग लाइसेंस के लिए अब आरटीओ के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी क्योंकि यह आनलाइन ही मिल जाएगा। इसमें आटोमेटेड इंटलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम का प्रस्ताव किया गया है, जिससे उल्लंघन पर कोई बच नहीं पाएगा।
★तीन दिन में ड्राइविंग लाइसेंस इश्यू न होने पर आरटीओ के खिलाफ कार्रवाई होगी। 'पुलिस रोके और कागजात मांगे तो आप मोबाइल पर आनलाइन दिखा सकेंगे।'
★ मोटर वाहन कानून 1988 में संशोधन का बिल इससे पहले पिछले साल 9 अगस्त को संसद में पेश किया गया था।
★लेकिन तब विपक्ष के दबाव में इसे मुकल राय की अध्यक्षता वाली संसद की परिवहन, पर्यटन व संस्कृति संबंधी स्थायी समिति के हवाले कर दिया गया था।
★ बिल की खास बातें
♂ बिल में संसदीय समिति के सुझाए गए 16 संशोधनों को शामिल कर लिया गया है।
-रद सुझावों में वाहन रजिस्ट्रेशन तथा निरीक्षण केवल आरटीओ द्वारा करने तथा मुआवजे की राशि तय न करने के सुझाव शामिल हैं।
-वाहन डीलर को वाहन नंबर अलाट करने तथा आल इंडिया इलेक्ट्रानिक रजिस्टर 'वाहन' के जरिए इसका रजिस्ट्रेशन करने का अधिकार मिलेगा।
-त्रुटिपूर्ण वाहनों को वापस लेने (रीकॉल), दुर्घटनाग्रस्त लोगों के मददगार नागरिकों को कानूनी सुरक्षा प्रदान करने, यातायात नियम उल्लंघनकर्ताओं के लिए कड़े जुर्माने तथा सजा।
-खराब सड़क के कारण दुर्घटना होने पर कांट्रैक्टर पर जुर्माना
-थर्ड पार्टी इंश्योरेंस दावों में ड्राइवर को भी मुआवजा
-चार महीने में पांच लाख रुपये का मुआवजा। अधिकतम मुआवजा दस गुना बढ़ा।
- शराब पीकर गाड़ी चलाने, ओवरलोडिंग, सीट बेल्ट न पहनने, हेल्मेट न लगाने, रेड लाइट जंप करने, निर्धारित सीमा से अधिक रफ्तार, हिट एंड रन, नाबालिग के गाड़ी चलाने पर ज्यादा जुर्माना।
-परिवहन विभाग, आरटीओ व ट्रैफिक पुलिस में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने तथा वाहन स्वामियों व चालकों को उत्पीड़न से बचाने के लिए लाइसेंस, सर्टिफिकेट व परमिट की आनलाइन प्रक्रियाएं।
-हिट एंड रन मामलों में भी मुआवजे की रकम आठ गुना बढ़कर दो लाख रुपये।