- मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा गठित एक समिति के अनुसार राजनीतिक हस्तक्षेप निश्चित तौर पर शिक्षा क्षेत्र में खराब परिणाम का सबसे महत्वपूर्ण कारण है। इसने सुझाव दिया है कि कुलपतियों की नियुक्ति को राजनीति से दूर रखा जाए।
- पूर्व कैबिनेट सचिव टीएसआर सुब्रमण्यम के नेतृत्व वाली पांच सदस्यीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि संस्थानों के लिए स्थल के चयन, अनुदान-सहायता दर्जे की मंजूरी, परीक्षा केंद्र के चयन, सभी वरिष्ठ नियुक्तियों और कई राज्यों में कुलपतियों से लेकर कॉलेज के प्राचार्यों एवं जिला शिक्षा अधिकारियों की नियुक्ति में सभी स्तरों पर राजनीतिक हस्तक्षेप फैल गया है।
- नई शिक्षा नीति के बारे में सुझाव देने के लिए गठित समिति ने यह भी कहा कि नियुक्तियों, स्थानांतरण, संबद्धता मंजूरी और संस्थाओं को अनुदान मान्यता, यहां तक परीक्षा परिणाम से जुड़े मामलों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार से इंकार नहीं किया जा सकता है।
- रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली में राष्ट्रीय शैक्षणिक संस्थाओं के साथ बैठक के दौरान या पूरे देश में राज्यों के अधिकारियों के साथ अनौपचारिक सम्पर्कों के दौरान एक सबसे महत्वपूर्ण कारण जो उभर कर आया, वह ‘राजनीतिक हस्तक्षेप’ था।