भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रचा इतिहास : इसरो ने एक साथ 20 सैटेलाइट का किया प्रक्षेपण

एक साथ 20 सैटेलाइट लॉन्च कर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया है. इससे पहले इसरो ने 2008 में एक साथ 10 सैटेलाइट एक साथ लॉन्च किए थे. हालांकि, दुनिया में सिंगल मिशन में अमेरिका का 29 और रूस का 33 सैटेलाइट एक साथ लॉन्च करने का रिकॉर्ड है.

- यह पहली बार है कि भारत ने एक साथ 20 उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजा है. इससे पहले ऐसा केवल अमरीका और रूस ही कर पाए हैं.

=>इस अभियान की 10 ख़ास बातें इस तरह हैं:

  1. जो उपग्रह अतंरिक्ष में भेजे गए हैं उनमें भारत के तीन और 17 विदेशी उपग्रह हैं.
  2. पीएसएलवी के जरिए 36वीं बार उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजा है.
  3. इससे पहले इसरो ने पीएसएलवी के ज़रिए 2008 में दस उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजा था.
  4. पीएसएलवी जिन 17 विदेशी उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजा है वो व्यावसायिक हैं, जिनसे इसरो को कमाई होगी.
  5. इनमें से 13 उपग्रह अमरीका के हैं. बाकी के उपग्रह कनाडा, इंडोनेशिया और जर्मनी के हैं.
  6. एक उपग्रह जानी-मानी कंपनी गूगल का है. यह एक भू-सर्वेक्षण उपग्रह है.
  7. अमरीका के इतने उपग्रहों को एक बार में अंतरिक्ष में भेजने से बेहतरीन भारत-अमरीका संबंधों का संकेत मिलता है.
  8. पीएसएलवी भारत का अपना बनाया हुआ रॉकेट है. यह 44 मीटर ऊंचा है यानी सात मंज़िला इमारत से भी अधिक ऊंचा.
  9. प्रक्षेपण के समय इसका वज़न क़रीब 320 टन होता है.
  10. इसरो ने मंगलयान और चंद्रयान को पीएसएलवी के जरिए ही अंतरिक्ष में भेजा था.

=>दुनिया का सबसे भरोसेमंद लॉन्च व्हीकल

- अपनी 36th उड़ान के साथ पीएसएलवी दुनिया का सबसे भरोसेमंद सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल बन गया।

- 1993 से लेकर अब तक इसने 36 उड़ानों में कई भारतीय और 35 विदेशी सैटेलाइट स्पेस में पहुंचाए हैं। 
- इसमें 2008 में चंद्रयान-1 और 2014 में मार्स मिशन में मंगलयान की लॉन्चिंग शामिल है।

=>”सैटेलाइट इंडस्ट्री में बढ़ रही हिस्सेदारी

- ग्लोबल सैटेलाइट मार्केट में भारत की हिस्सेदारी बढ़ रही है। अभी यह इंडस्ट्री 13 लाख करोड़ रुपए की है।

- इसमें अमेरिका की हिस्सेदारी 41 फीसदी की है। जबकि भारत की हिस्सेदारी 4 फीसदी से भी कम है।

- दुनिया की बाकी सैटेलाइट लॉन्चिंग एजेंसियों के मुकाबले इसरो की लॉन्चिंग 10 गुना सस्ती है।

- विदेशी सैटेलाइट की लॉन्चिंग इसरो की कंपनी एंट्रिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड के जरिए होती है। 
- 1992 से 2014 के बीच एंट्रिक्स कॉर्पोरेशन को 4408 करोड़ रुपए की कमाई हुई।

- इसरो सैटेलाइट लॉन्चिंग से अब तक 660 करोड़ रुपए की कमाई कर चुका है।

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