- दुनिया का सबसे बड़ा रूफ टॉप सोलर पावर प्लान्ट शुरू हो गया। इसे 139 करोड़ की लागत से ब्यास के डेरा बाबा जैमल सिंह में पंजाब एनर्जी एजेंसी और डेरा ब्यास ने बनाया है। इससे तैयार बिजली पावरकॉम को बेची जाएगी।
=> क्या होगा फायदा...
- 82 एकड़ में बने 8 शेड्स की छतों पर 78102 मॉड्यूल लगाकर इसे तैयार किया गया है।
- इससे हर साल 27 लाख यूनिट बिजली पैदा होगी।
- सोलर प्लान्ट से अगले 25 साल में चार लाख टन कार्बन डाई ऑक्साइड कम पैदा होगी।
- केंद्र सरकार की ओर से 2022 तक 40 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा का प्रोडक्शन करने का टारगेट बनाया गया है।
=>फायदा क्या
- पावरकॉम के एक्सईएन एसपी सौंधी ने बताया कि डेरे में लगे कुल 19.5 मेगावाट के दो अलग-अलग सोलर प्लान्ट से बिजली खरीदी जाएगी।
- इनमें 8 मेगावाट के सोलर प्लान्ट से 7.67 रुपए प्रति यूनिट और 11.5 मेगावाट के सोलर प्लान्ट से 7.72 रुपए प्रति यूनिट की दर पर पावरकॉम डेरे से बिजली खरीदेगा।
=>यूएस का तोड़ा रिकॉर्ड
- पंजाब से पहले सबसे बड़े रूफ टॉप सोलर प्लान्ट का रिकॉर्ड अमेरिका की एमजीएम रिजॉर्ट्स के मेंडले बे रिजॉर्ट एंड कन्वेंशन सेंटर के नाम था।
- यह 20 एकड़ में बना हुआ है और 6.4 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता था। इसे 2014 में एनआरजी एनर्जी ने तैयार किया था।
=>सत्संग हाल पर लगे 46164 मॉड्यूल
- डेरा ब्यास के 42 एकड़ में बने करीब 4 लाख लोगों की क्षमता वाले सत्संग हाल के शेड पर 46164 मॉड्यूल लगाकर सोलर प्लान्ट तैयार किया गया है।
- 80.5 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुए अकेले इस प्लान्ट से सालाना 16 लाख यूनिट बिजली पैदा होगी।
- बिजली की सप्लाई करने के लिए 14 इनवर्टर वाला सब-स्टेशन बनाया गया है।
- इस सत्संग हाल में करीब 15 हजार पंखे और 12 बड़े डिजिटल स्क्रीन टीवी लगे हुए हैं।
- पावरकॉम के एक्सईएन एसपी सौंधी ने बताया कि डेरे ब्यास में लगाए गए दो अलग-अलग सोलर पावर प्लान्ट्स से बिजली खरीदी जा रही है।
- इन सोलर प्लान्ट्स से बनने वाली बिजली डेरा परिसर के अलावा कस्बा ब्यास के सात हजार घरों और फैक्टरियों में सप्लाई की जाती है।
=>दुनिया के टॉप टेन में सात यूएस के
- दुनिया के 10 सबसे बड़े रूफ टॉप सोलर पावर प्लान्ट में सात अमेरिका में हैं।
- चीन के सबसे बसे बड़े रूफ टॉप सोलर पावर प्लान्ट से 2 मेगावाट बिजली पैदा होती है।
- अमेरिका के न्यू जर्सी में बना कॉन्स्टेलेशन ग्रुप का पावर प्लान्ट इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर आता है।
- यहां 5.38 मेगावाट बिजली पैदा होती है