Why in news:
उत्तर कोरिया ने रविवार को अपने सबसे शक्तिशाली Hydrogen bomb का परीक्षण किया, जिसके बाद रूस, जापान, चीन और दक्षिण कोरिया तक में भूकंप के झटके महसूस किए गए।
- Hydrogen bomb एक थर्मोन्यूक्लियर डिवाइस है जिसमें हमारे सूरज की तरह फ्यूजन रिएक्शन से भयंकर ऊर्जा निकलती है।
- इस फ्यूजन रिएक्शन को शुरू करने के लिए 5 करोड़ सेंटीग्रेट तापमान की जरूरत होती है, जिसे फिशन डिवाइस से पैदा किया जाता है, जो आमतौर पर छोटा एटम बम होता है।
- इसमें हाइड्रोजन के ही समस्थानिको deuterium and tritium का इस्तेमाल किया जाता है
How it works:
hydrogen bomb के लिए चूँकि हाइड्रोजन परमाणु का इस्तेमाल होता है इसलिए इसे हाइड्रोजन एक्स्प्लोजन भी कहते है | इसके लिए दो चरण की जरुरत होती है:
सबसे पहले nuclear fusion की जरुरत होती है और दूसरी क्रिया में nuclear fission यानि विखंडन की क्रिया और ऐसे में शुरूआती क्रिया में फिजन होता है जिसकी वजह से x-rays निकलती है और जिस से निर्धारित तापमान जो fusion की क्रिया के लिए चाहिए होता है वो प्राप्त होता है जिसकी वजह से हाइड्रोजन के समस्थानिको के बीच सलयंन होता है फिर हाइड्रोजन के आईसोटोप बनते है जो दोनों एक दूसरे को विकर्षित करते है लेकिन x-rays की वजह से यह रेपेल कम होने लगता है और इसी वजह से इन आईसोटोप के fusion से बहुत अधिक मात्रा में उर्जा निकलती है और घातक किरने भी ऐसे में हाइड्रोजन तो हीलियम में बदल जाता है |
सिर्फ पांच देशों के पास है हाइड्रोजन बम
विश्व के केवल पांच देशों के पास ही अब तक Hydrogen bomb हैं। इनमें अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और ब्रिटेन का नाम शामिल है। अब इन देशों की फेहरिस्त में उत्तर कोरिया का नाम भी शामिल हो रहा है। हालांकि अमेरिका ने इस बात को मानने से इंकार किया है कि उत्तर कोरिया ने हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया है।
Danger of Hydrogen Bomb
यह बम परमाणु विस्फोट से भी अधिक क्षति पैदा करने क्षमता रखता है क्योंकि इसमें परमाणु बम से कंही अधिक उर्जा रिलीज़ होती है जिसकी वजह से यह 1000 गुना अधिक तबाही मचा सकता है साथ ही यह atom bomb से छोटा भी होता है| इसका आज तक किसी भी वॉर में इस्तेमाल नहीं हुआ है जबकि atom bomb का इस्तेमाल अमेरिका जापान से युद्ध के समय में हिरोशिमा और नागासाकी पर कर चूका है जिसमे कुल 1,85,000 लोग मारे गये थे |