निजी क्षेत्र द्वारा विकसित देश के पहले सेटेलाइट आईआरएनएसएस-1एच का प्रक्षेपण असफल हो गया. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष ने बताया कि सेटेलाइट से हीटशील्ड के अलग न होने से यह लॉन्चिंग विफल हो गई है.
- इसे बेंगलुरु की अल्फा डिजाइन टेक्नोलॉजी ने बनाया था.
- वैसे यह सेटेलाइट देश की अपनी नेविगेशन प्रणाली (नाविक) के विकास के लिए लॉन्च किया गया था.
Background
यह सेटेलाइट आईआरएनएसएस-1ए की जगह लेने वाला था जिसकी तीन रूबीडियम परमाणु घड़ियों ने काम करना बंद कर दिया था. इसरो जल्द से जल्द देश का अपना ‘ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम’ विकसित करने की मुहिम में जुटा है. इसके लिए पहले ही आईआरएनएसस सीरीज के सात सेटेलाइट कक्षा में स्थापित किए जा चुके हैं. 1,420 करोड़ रुपये लागत वाली इस परियोजना में नौ उपग्रह शामिल हैं. इसमें सात कक्षा में और दो विकल्प के रूप में मौजूद रहेंगे. हालांकि आज की विफलता के बाद इसरो की जिम्मेदारी और बढ़ जाएगी. साथ ही इस परियोजना को पूरा करने की समय सीमा में भी थोड़ी देर हो सकती है