मौजूदा समय में ज्यादातर टीवी और स्मार्टफोन डिस्प्ले एलसीडी- एलईडी आधारित हैं। अब बाजार में ओएलइडी डिस्प्ले का प्रचलन बढ़ रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2020 तक स्मार्टफोन में एलसीडी डिस्प्ले की जगह आपको ज्यादातर ओएलइडी डिस्प्ले ही दिखाई देंगे।
=>>क्या है ओएलइडी :-
◆यह एक फ्लैट लाइट एमिटिंग टेक्नोलॉजी है जिसे दो कंडक्टर्स के बीच पतले ऑर्गेनिक फिल्म्स की परतों की सीरीज के जरिये बनाया जाता है।
◆जब उस पर इलेक्ट्रिकल करंट प्रवाहित होता है, तो चमकीली लाइट उत्सर्जित होती है ।
◆ओएलईडी का इस्तेमाल डिस्प्ले और लाइटिंग के लिए किया जाता है। इससे लाइट निकलती है, लिहाजा इसके लिए व्हाइट बैकलाइट की जरूरत नहीं होती है ।
◆ ये बेहद पतले होते हैं, जिस कारण एलसीडी डिस्प्ले के मुकाबले ये ज्यादा सक्षम होते हैं ।
◆पतला और सक्षम होने के अलावा यह फ्लेक्सिबल और पारदर्शी भी होता है। यहां तक कि इसे मोड़ा भी जा सकता है।
★ओएलइडी मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं, जो छोटे अणुओं पर आधारित और पॉलिमर्स के साथ मिल कर काम करने वाले होते हैं।
◆ओएलइडी डिस्प्लेज में पेसिव-मैट्रिक्स या एक्टिव-मैट्रिक्स का इस्तेमाल किया जाता है।
◆एक्टिव-मैट्रिक्स ओएलइडी के लिए पतले फिल्मवाले ट्रांजिस्टर की जरूरत पड़ती है, जिससे हर पिक्सल को ऑन या ऑफ किया जाता है, लेकिन इससे उच्च रिजॉल्यूशन और ज्यादा बड़ा डिस्प्ले मुमकिन होता है।
=>>कहां देख सकते हैं ओएलइडी डिस्प्ले?
◆मोबाइल फोन्स, डिजिटल कैमरों, वीआर हेडसेट्स, लैपटॉप और टीवी में इसका इस्तेमाल शुरू हो चुका है। इसके इस्तेमाल में सैमसंग सबसे आगे हैं और मोबाइल डिवाइस निर्माण में इसका उपयोग करने में वह अग्रणी है। इसके अलावा एप्पल, मोटोरोला, डेल, सोनी, माइक्रोसॉफ्ट, एलजी और लेनोवो जैसी कंपनियों ने भी फोन डिवाइस निर्माण में इसका इस्तेमाल शुरू किया है।