हवाई में विश्र्व की सबसे बड़ी दूरबीन लगाने की अनुमति वहां की सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द किए जाने का लाभ लद्दाख को सकता है। दरअसल इस आदेश के बाद दूरबीन लगाने के लिए वैकल्पिक स्थलों पर विचार हो रहा है। इनमें "हानले (लद्दाख)"का नाम भी शामिल है।
- 'थर्टी मीटर टेलीस्कोप' (टीएमटी) की स्थापना का मकसद ब्रह्मांड की नई जानकारियां जुटाना है।
- इसे हवाई के मौना की पर स्थापित किया जाना था लेकिन लोगों के विरोध और अदालती आदेश के बाद इसे रोकना पड़ा।
- फिलहाल, वित्तीय और वैज्ञानिक रूप से परियोजना के महत्व को देखते हुए वैकल्पिक स्थलों पर भी विचार कर रहे हैं।
- इनमें चिली, लद्दाख और दूसरे स्थान शामिल हैं।
** इस टेलीस्कोप की सहायता से 500 किलोमीटर दूर एक सिक्के के बराबर की वस्तु भी आसानी से देखी जा सकेगी।
* आकाशगंगा कैसे बनी, क्या पृथ्वी के बाहर भी जीवन है, ब्लैक होल के निर्माण के अलावा अंतरिक्ष में होने वाली हर हलचल की जानकारी इसके माध्यम से हो सकेगी।
* अंतरिक्ष और पृथ्वी के बीच रोशनी में किसी तरह का व्यवधान न हो, इसके लिए एडेप्टिक सिस्टम लगाए जा रहे हैं, जिसमें 492 मिरर सेगमेंट तैयार किए जा रहे हैं।
* ज्ञातव्य रहे परियोजना में भारत 10 फीसद का हिस्सेदार है।
* भारत, चीन, कनाडा, अमेरिका और जापान मिलकर विश्व का सबसे बड़ा टेलीस्कोप तैयार कर रहे हैं।
भारत में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय इसे देख रहा है।