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इंडिया साइंस वायर की एक रिपोर्ट के मुताबिक मेलबर्न स्थित मोनाश यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने वातावरण में पाए जाने वाले एक बैक्टीरिया की मदद से ऐसा करने में सफलता पाई है.
- इस बैक्टीरिया का नाम वॉल्बकिया है.
- वैज्ञानिकों के मुताबिक वे इस बैक्टीरिया से डेंगू फैलाने वाले एडीस एजिप्टी मच्छरों को संक्रमित करते हैं जिससे इन मच्छरों में डेंगू के वायरस नहीं पनप पाते.
- इस बैक्टीरिया की मदद से केवल डेंगू ही नहीं बल्कि चिकनगुनिया और जीका जैसे खतरनाक वायरसों को भी मच्छरों के जरिये फैलने से रोका जा सकता है.
वॉल्बकिया बैक्टीरिया
- वॉल्बकिया एक ऐसा बैक्टीरिया है जिससे डेंगू जैसे कई खतरनाक वायरसों की रोकथाम संभव है.
- यह बैक्टीरिया कीट-पतंगों, तितलियों और फलों की मक्खियों यानी फ्रूट फ्लाइज की करीब 60 प्रतिशत प्रजातियों के साथ-साथ कई तरह के मच्छरों में भी प्राकृतिक रूप से मौजूद होता है. लेकिन, यह एडीस एजिप्टी मच्छर के शरीर में नहीं पाया जाता.
- वैज्ञानिकों के अनुसार वोल्बाकिया बैक्टीरिया इंसानों और जानवरों के साथ-साथ पर्यावरण के भी अनुकूल है और इससे किसी को कोई खतरा नहीं है. यह बैक्टीरिया पहले से ही खाद्य श्रृंखला में मौजूद है