IAS में सफलता की रणनीति IIS अरविन्द जैन के शब्दों में-part-2 ( How to crack UPSC IAS examination in very first attempt in the words of 3 times selected Arvind Jain-Part 2)

दोस्तों UPSC पहली बार या फिर एक बार (भाग -1) लिखने के पश्चात शासकीय दायित्वों के निर्वहन में व्यस्त रहने के कारण आप लोगों से दोबारा मुखातिब नहीं हो पाया था। आज पुनः कुछ समय निकालकर आप लोगों से बात- मुलाकात करने का अवसर निकाल पाया हूँ।

अपने पहले लेख में मैंने मुख्य रूप से UPSC कुम्भ में पहली बार शिरकत करने वालों प्रतिभागियों के लिए लिखा था और मुख्य परीक्षा तक ही अपनी बात रख पाया था। आज इस बात- मुलाकात में उसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए साक्षात्कार के बारे में तथा समय की कमी के कारण उसके बाद के लेख में  उन दोस्तों के लिए कुछ बातें साझा करूँगा जो लगातार मेहनत करने के बावजूद अभी भी अपेक्षित सफलता हासिल नहीं कर पाए हैं।

साक्षात्कार

 
UPSC का तीसरा एवं अंतिम महत्वपूर्ण चरण साक्षात्कार है। पूर्व के दोनों चरणों से यह चरण कुछ मायनों में बिलकुल भिन्न है जिसे हम निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से जान सकते हैं –

१. पहले के दो चरणों में जहाँ आपके और परीक्षक के बीच संवाद का माध्यम आपकी उत्तर-पुस्तिका होती है वहीं इस चरण में आप अपने परीक्षक से सीधा संवाद करते हो।

२. पहले के दो चरणों में जहाँ आपके सामान्य अध्ययन एवं विषय की समझ का परिक्षण मुख्य रूप से होता है वहीं इस चरण में मुख्य रूप से आपके व्यक्तित्व का परिक्षण होता है। यही वजह है कि साक्षात्कार के दौरान यदि आप सामान्य अध्ययन के किसी ऐसे तथ्य के बारे में अनभिज्ञ हैं जो सीधे किसी महत्वपूर्ण समसामयिकी घटना से अथवा आपके व्यक्तिगत प्रोफाइल से नहीं जुड़ा हुआ है तो उसके लिए सॉरी बोलने से आपके प्रदर्शन पर कोई फर्क नहीं पड़ता है।

३. जहाँ मुख्य परीक्षा में आपके सामने सभी प्रश्न होते हैं और उसके अनुरुप आप उत्तर लेखन शुरू करते हैं एवं प्रश्न पत्र की समय सीमा भी होती है लेकिन साक्षात्कार में कब कौनसा प्रश्न पूछा जायेगा उसका कोई सुराग हमारे पास नहीं होता।  साथ ही साक्षात्कार कितनी देर चलेगा इसका भी कोई निश्चित समय नहीं होता।

४. जहाँ मुख्य परीक्षा में आप उत्तर लिखते समय किसी भी मूड में हो,कोई भी भाव-भंगिमाएं हो या किसी भी तरह के कपड़े पहने हो उससे कोई फर्क नहीं पड़ता वहीं साक्षात्कार में उपर्युक्त चीज़ों का ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इन सभी चीज़ों से आपके व्यक्तित्व का पता चलता है।

उपर्युक्त बिंदुओं से हमें साफ़ पता चलता है कि साक्षात्कार की तैयारी पिछले दोनों चरणों से थोड़ी भिन्न है। साक्षात्कार की तैयारी हेतु हमें निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए –

१. साक्षात्कार की तैयारी को हम मुख्य रूप से तीन भागों में बाँट सकते हैं-

A) व्यक्तिगत प्रोफाइल जिसकी जानकारी साक्षात्कार कर्ता को हमारे DAF अर्थात Detailed Application Form से अथवा उसकी Summery Sheet से मिलता है।

B) देश, दुनिया एवं समाज में घट रही महत्वपूर्ण गतिविधियों की जानकारी एवं उनके प्रति हमारी क्या राय है उस पर भी साक्षात्कार में गौर किया जाता है।

C) कुछ काल्पनिक प्रश्न जिनके माध्यम से आपकी प्रशासनिक क्षमता का आकलन किया जाता है।
२. उपर्युक्त तीन भागों में से पहला भाग हमारा व्यक्तिगत प्रोफाइल है। इस भाग में हमारे नाम से लेकर जन्म स्थान (ग्राम / शहर, जिला , राज्य ), जन्म का वर्ष, शिक्षण संस्थान , स्नातक और परा स्नातक के विषय , रुचियाँ, अगर पहले से किसी सेवा में है तो उससे सम्बंधित प्रश्न , कोई विशेष शैक्षणिक अथवा गैर शैक्षणिक उपलब्धि, UPSC में आपका विषय इत्यादि सम्मिलित हैं। ये भाग सबसे महत्वपूर्ण लेकिन अपेक्षाकृत आसान भाग है क्योंकि इससे जुड़े हुए संभावित प्रश्नों की तैयारी आसानी से की जा सकती है। इसकी तैयारी के लिए जरुरी है कि हमने अपने बारे में जो बाते DAF में लिखी है हमें उनकी स्पष्ट और सही समझ होनी चाहिए क्योंकि ये सभी प्रश्न हमारे जीवन से जुड़े हुए हैं यदि हम इन सवालों का जवाब नहीं दे पाते तो इसका नकारात्मक प्रभाव हमारे प्रदर्शन पर पड़ सकता  है। जैसे यदि हमारी किसी खास विषय में रूचि है लेकिन उससे जुडी साधारण बातें भी हमें नहीं पता तो यह निश्चित रूप से घातक साबित हो सकता है इसलिए उन्हीं रुचियों को DAF में डालना चाहिए जिनके बारे में आपको वास्तव में कुछ पता हो ना कि किसी प्रचलित ट्रेंड के आधार पर। लेकिन यह बात  स्नातक या परा स्नातक के विषयों पर पूरी तरह लागू नहीं होती। यदि आपको स्नातक या परा स्नातक किए हुए काफी समय हो गया हो तो उसकी गहरी एवं सम्पूर्ण समझ अपेक्षित नहीं होती लेकिन उन विषयों के मूलभूत सिद्धांतों की समझ फिर भी अपेक्षित रहती है अतः उसका अध्ययन अवश्य करें। इसी तरह अपने जन्म स्थान से जुडी हुई महत्वपूर्ण जानकारियां जैसे वहां की विशेषताएं, वहां का इतिहास, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं भौगोलिक  परिवेश, ज्वलंत समस्याएं एवं उनके संभावित समाधान इत्यादि बातों पर आपकी मजबूत पकड़ होनी चाहिए। यदि आप वर्तमान में कहीं पर सेवारत है तो बहुत अधिक सम्भावना है कि आपसे अपनी वर्तमान जॉब के बारे में काफी कुछ पूछा जाए, कभी कभी इंटरव्यू का पचास से साठ प्रतिशत हिस्सा इसी पर आधारित हो जाता है इसलिए अपनी जॉब तथा उससे जुड़े मंत्रालय के बारे में आपकी पुख्ता जानकारी अपेक्षित है।

३. तैयारी का दूसरा भाग महत्वपूर्ण समसामयिक घटनाओं से सम्बंधित है। इस भाग में आपके द्वारा मुख्य परीक्षा में की गयी तैयारी काफी मदद प्रदान करती है। साक्षात्कार के समय पुरानी घटनाओं के साथ साथ मौजूदा महत्वपूर्ण घटनाओं पर पैनी नज़र रखना , उन घटनाओं के प्रभावों पर अपने मित्रों के साथ चर्चा एवं मंथन करना , मुख्य अख़बारों (अंग्रेजी एवं हिंदी ) के सम्पादकीय पृष्ठ का अध्ययन , आल इंडिया रेडियो के कार्यक्रम , लोक सभा तथा राज्य सभा टीवी के डिबेट programmes  का निरन्तर श्रवण एवं अवलोकन करना इसकी तैयारी में अत्यन्त लाभदायक सिद्ध होता है।

४. तीसरा महत्वपूर्ण भाग है अपने आपको उन सवालों के लिए तैयार रखना जिनमे आपकी प्रशासनिक दक्षता का आकलन किया जाता है। अमूमन ऐसा कुछ Situation based काल्पनिक प्रश्नों के जरिये किया जाता है। इन प्रश्नों का जवाब आपको तुरंत देना होता है और इसी से साक्षात्कार कर्ता अंदाज़ा लगा लेते है की आपमें परिस्थितियों के हिसाब से त्वरित एवं सही निर्णय लेने की क्षमता है या नहीं। इन सवालों के बारे में पिछले वर्षों में जिन लोगो ने साक्षात्कार दिया है उनसे पता कर सकते हैं या एथिक्स के पेपर के लिए जो Case Studies तैयार की जाती हैं उनसे सहायता मिल सकती हैं। साक्षात्कार से पहले Mock Interview जरूर देने चाहिए इससे इस तरह के संभावित प्रश्नों का पता चलता है तथा हमें ये भी पता चलता है कि ऐसे प्रश्नों पर हमारी प्रतिक्रिया कैसी होती है, इसके अलावा हमारे प्रदर्शन को सुधरने के लिए उचित सलाह भी मिल जाती है।

UPSC की वृहद् और गहन तैयारी के बारे में इन चंद शब्दों में पूरी बात कह पाना संभव नहीं है फिर भी इन बातों पर ध्यान देकर कुछ हद तक तैयारी को सही दिशा में लाया जा सकता है। उपर्युक्त बातें तैयारी की दिशा में महत्वपूर्ण तो हैं लेकिन पर्याप्त नहीं हैं इसलिए इन बातों को अमल में लाने के साथ साथ जरुरत है जी तोड़ मेहनत करने की तथा अपने अग्रजों एवं मित्रों के सहयोग से अपने आपको निखारने की। सभी प्रतिभागियों को मेरी तरफ से सफलता के लिए शुभकामनाएं। अपना फोकस क्लियर रखें , मस्त रहें , Attentive रहें तथा स्वयं पर भरोसा रखें। सफलता आपके कदम अवश्य चूमेगी।

आज के लिए केवल इतना ही.. अगले भाग में मेरा प्रयास रहेगा उन मित्रों के साथ बात – मुलाकात करना जो बार बार UPSC में बैठने के बावजूद भी अपेक्षित सफलता प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं। तब तक के लिए आपसे विदा चाहता हूँ। मुझसे अगर कुछ संवाद करना हो तो यहीं पर अपनी बात पोस्ट कर सकते हैं, मैं आपके सवालों का उचित जवाब देने का भरसक प्रयास करूँगा।


आपका अपना अरविन्द जैन।

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