सांभर झील में 10 नवंबर को पक्षियों की मरने की सूचना मिलने से लगभग 14 दिन पहले प्रवासी पक्षियों का मरना शुरू हो गया था। वैज्ञानिकों के अनुसार झील के पानी में खारापन का स्तर कम होने, पानी का तापमान 25 डिग्री से ऊपर जाने, हाइड्रोजन की मात्रा 7-9 होने और पानी में घुली ऑक्सीजन की मात्रा 4 होने से क्लोस्ट्रीडियम बोट्यूलिज्म बैक्टीरिया को फैलने में मदद मिली।आईवीआरआई वैज्ञानिकों के अनुसार भारत में यह मामला पहली बार रिपोर्ट हुआ है। विदेशों में ऐसे मामले पहले भी आ चुके हैं।