गर्मी की चेतावनी (Heat Stress)



मौसम विभाग भविष्यवाणी है कि गर्मियां (Heat stress)इस बार पिछले साल के मुकाबले ज्यादा परेशान करेंगी। उसने बताया कि मार्च से लेकर मई के बीच दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान यानी मुख्यतया उत्तर भारत में औसत तापमान पिछले वर्षों की अपेक्षा डेढ़ डिग्री तक ऊंचा रहेगा। हिमाचल और उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में तो तापमान की यह बढ़ोतरी 2.7 डिग्री तक पहुंचने के आसार हैं। केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक के सुदूर दक्षिणी इलाकों में इतना बुरा हाल नहीं होगा, पर वहां भी आधे से 1 डिग्री का अंतर तो रहेगा ही।
साफ है कि देश के लगभग सभी इलाके इस बार सूरज की तपिश से बेचैनी महसूस करेंगे। जब देश के विभिन्न हिस्सों में यूं भी हर साल दर्जनों लोग मौत का शिकार बन जाते हैं तब यह बढ़ा हुआ तापमान क्या गुल खिलाएगा इसके बारे में फिलहाल सिर्फ अंदाजा ही लगाया जा सकता है। मौसम की प्रतिकूलता पिछले कुछ समय से लगातार बढ़ती जा रही है। पृथ्वी के तापमान में लगातार हो रही बढ़ोतरी वैश्विक चिंता का सबब रही है। विशेषज्ञ तापमान में इस संभावित बढ़ोतरी के पीछे भी ग्लोबल वार्मिंग की ही भूमिका देख रहे हैं। चिंताजनक यह है कि ग्लोबल वार्मिंग पर चर्चा तो बहुत होती है, लेकिन वैश्विक नेतृत्व ने अभी तक इसे अपनी प्राथमिकताओं में स्थान नहीं दिया है। नतीजा यह होता है कि इस पर होने वाली अंतरराष्ट्रीय बैठकों में चिंताएं तो जताई जाती हैं, पर औद्योगिक विकास, जीडीपी में बढ़ोतरी और रोजगार के अवसर पैदा करने का दबाव इन चिंताओं पर भारी पड़ता है।
हमें समझना होगा कि वक्त हमारे हाथ से तेजी से निकलता जा रहा है। इससे पहले कि देर हो जाए, हमारा चेतना जरूरी है। बहरहाल, वैश्विक पहलुओं को छोड़ अपने देश के संदर्भ में बात करें तो मौसम की गर्मी तो हमें झेलनी ही होगी। पर इसका एक अच्छा पहलू यह है कि आमतौर पर ऐसी गर्मी की परिणति अच्छी बारिश में होती है। उम्मीद की जाए कि सूरज देवता के ताप के बाद इंद्र देवता हम पर अपनी कृपा बरसाने में कोताही नहीं करेंगे।

#Navbharat_Times

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