WHITE RHINOS : सफ़ेद गैंडे की मौत के बाद गैंडे की इस प्रजाति को विलुप्त घोषित कर दिया गया है.
जावन नस्ल के गैंडे , जिनके बारे में कहा जा रहा है कि वो भी अब विलुप्त होने की कगार पर हैं.
सुमात्रा में पाए जाने वाले गैंडे, काले गैंडे, अमूर तेंदुए, जंगली हाथी और बोर्नियो के ऑरंगुटैन कुछ ऐसी प्रजातियों में शामिल हैं जिनके बारे में कहा जाता है कि वे विलुप्तप्राय हैं या उनकी संख्या 100 से भी कम रह गई है.
IUCN के मुताबिक़, 5,583 ऐसी प्रजातियां हैं जिन्हें बचाए के लिए गंभीर रूप के काम किए जाने की ज़रूरत है. कम से कम 26 ऐसी नई प्रजातियां हैं जिन्हें साल 2017 में इस लिस्ट में शामिल किया गया. ये प्रजातियां एक साल पहले तक ख़तरे के निशान से ऊपर थीं. साल 2016 में IUCN ने एक अनुमान के तहत बताया था कि अब सिर्फ़ 30 वैक्विटा मछलियां बची हैं और हो सकता है कि अगले एक दशक में ये प्रजाति विलुप्त हो जाए.
Criteria which are employed
- एक नस्ल के सभी जीव जब एक जगह रहने लगें. ऐसे में माना जाता है कि किसी एक बीमारी या आपदा के कारण सभी की मौत हो सकती है.
- देखा जाता है कि भौगोलिक रूप से कोई प्रजाति कितने बड़े इलाक़े में फैली है.
- उनका प्रजनन चक्र कितना लंबा है? और क्या वो जोड़े में बच्चों को जन्म देते हैं या एक बार में एक ही बच्चा देने की क्षमता है.
- वो किस तरह के ख़तरों का सामना कर रहे हैं?
- क्या उस नस्ल की जनसंख्या में आनुवंशिक रूप से विविधता है?
- उनका आवास किस तरह के ख़तरे में है और कितने ख़तरे में है?