शिक्षा की स्थिति पर सर्वे करने वाली संस्था ‘प्रथम एजुकेशन फांडेशन’ ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट ‘असर’ यानी एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट जारी की है, जोकि वाकई चौंकाने वाली है. रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक प्राइमरी स्कूलों के बच्चों नजर आने वाली पढ़ाई की कमजोरी अब बड़े बच्चों यानी जूनियर लेवल (14 से 18 साल) के बच्चों में भी देखी जा रही है. 76 फीसदी बच्चे पैसे तक नहीं गिन पाते.
- सवाल- इस देश की राजधानी का नाम क्या है
जवाब- 36 फीसद छात्रों को इस सवाल का जवाब नहीं है पता।
सवाल- किस राज्य में आप रहते हैं
जवाब- 21 फीसद छात्रों को पता नहीं।
सवाल- क्या आप नक्शे पर आप अपने राज्य को बता सकते हैं
जवाब- 58 फीसद छात्रों को जानकारी नहीं।
इसके साथ ही गणित के कुछ सवाल पूछे गए उदाहरण के तौर पर 591/4 = ?
827/7=?, 759/6= ?, 986/8= ?
जवाब- 57 फीसद छात्रों को जानकारी नहीं - 14-18 आयु वर्ग के बच्चों में दो में से एक बच्चा साधारण भाग भी नहीं कर सकता है. रिपोर्ट में कुल 43 फीसदी बच्चे ऐसे पाए गए हैं, जिन्हें भाग देना आता है. इसी तरह 14 साल की उम्र के करीब 47 फीसदी बच्चे ऐसे हैं, जो इंग्लिश के साधारण वाक्य को भी नहीं पढ़ सकते हैं. केवल इंग्लिश नहीं नहीं बल्कि इस आयु वर्ग के 25 फीसदी छात्र ऐसे हैं जो बिना रुके अपनी भाषा भी नहीं पढ़ सकते हैं
- इस बार असर की टीमों ने देश के 24 राज्यों के 28 जिलों में सर्वे किया. इस सर्वे में 14-18 आयु वर्ग के स्टूडेंट्स से साधारण या रोजमर्रा की जिंदगी में आने वाले सवाल पूछे गए.
चिंता की बात यह भी है कि 36 फीसदी को देश की राजधानी का नाम नहीं पता. 42 फीसदी ही अपने राज्य का नक्शा पहचानते हैं.
- एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट-बियांड बेसिक्स नामक जारी रिपोर्ट के मुताबिक उम्र बढ़ने के साथ बच्चों की अंग्रेजी समझने की क्षमता बढ़ रही है, लेकिन गणित की समझ अभी भी कमजोर बनी हुई है.
- 83 फीसदी ने समय बताने के बारे में सरल सवाल (केवल घंटे बताना) का जवाब दिया, जबकि केवल 60 फीसदी ही घंटे व मिनट के रूप में समय बता पाये. यानी 40 फीसदी को समय के बारे में सही-सही नहीं पता है.
- पहली बार असर ने 14-18 साल के बच्चों को अपनी रिपोर्ट में शामिल किया है. मौजूदा समय में हर 10 में एक छात्र इस आयु वर्ग में आता है.
- 14 साल की आयु तक छात्र और छात्राओं के बीच नामांकन में सिर्फ 1 फीसदी का अंतर है. लेकिन उम्र बढ़ने के साथ ही छात्र और छात्राओं के बीच नामांकन का फासला तेजी से बढ़ जाता है.
- रिपोर्ट के अनुसार प्राथमिक शिक्षा पूरी करने के बाद छात्रों के मुकाबले छात्राएं बड़ी संख्या में पढ़ाई छोड़ देती हैं. पढ़ाई छोड़ने वाले 50 फीसदी छात्रों का कहना है कि उन्होंने स्कूल फेल होने या पढ़ाई में रुचि नहीं होने के कारण छोड़ दी, लेकिन लड़कियों ने पारिवारिक दिक्कतों को सबसे बड़ी वजह बताया.
-रिपोर्ट के अनुसार 14-18 आयु वर्ग के 78 फीसदी युवा कृषि क्षेत्र से जुड़े हुए हैं. लेकिन उनकी कृषि शिक्षा या वेटनरी कोर्स में नामांकन सिर्फ 0.5 फीसदी ही है.
- वोकेशनल कोर्स करने वाले युवाओं की संख्या इस आयु वर्ग में सिर्फ 5 फीसदी है. रिपोर्ट के अनुसार अधिकांश युवा कम अवधि के वोकेशनल कोर्स को ही तवज्जो देते हैं. 34 फीसदी युवा 3 महीने से कम वाले कोर्स और 25 फीसदी 6 महीने वाले काेर्स में नामांकित हैं.
- यह रिपोर्ट देश के 24 राज्यों के 28 जिलों में किये गये सर्वे के आधार पर तैयार की गयी है.