प्रवासियों की बढ़ती अहमियत

#Amar_Ujala

निस्संदेह विदेशों में प्रवासी भारतीय और कुशल भारतीय पेशेवर प्रभावशाली हैं। ये कितने प्रभावी और उपयोगी हैं, इसका अंदाज इसी जनवरी 2018 में अमेरिका में घटित हुए एच-1बी वीजा पर सख्ती के प्रस्ताव और फिर उस पर रोक संबंधी घटनाक्रम से लगाया जा सकता है। दो जनवरी को अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (डीएचएस) ने डोनाल्ड ट्रंप सरकार की ‘बाय अमेरिकन, हायर अमेरिकन नीति’ के तहत प्रस्तावित एच-1बी वीजा नियमों में संशोधन का प्रस्ताव किया था। इसके तहत एच-1बी वीजा पर अमेरिका में रहकर ग्रीन कार्ड का इंतजार कर रहे भारतीय सहित अन्य देशों के आईटी विशेषज्ञों को बड़ा झटका लग सकता था। जबकि ये वीजाधारक अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद कर रहे हैं। ऐसे में इनका जाना अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए नुकसानदेह होगा।

पूरी दुनिया में प्रवासी भारतीयों और विदेशों में कार्य कर रही भारत की नई पीढ़ी की श्रेष्ठता को स्वीकार्यता मिली है। प्रवासी अपने कार्यरत देशों में रहते हुए भारत के विकास के लिए धन बरसाते हुए भी दिखाई दे रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र के कृषि विकास कोष द्वारा जारी की गई रिपोर्ट 2017 के मुताबिक, दुनिया भर के विभिन्न देशों में कार्यरत प्रवासियों के द्वारा अपनी कमाई को अपने-अपने देशों में भेजने के मामले में प्रवासी भारतीय पहले क्रम पर हैं। प्रवासी भारतीयों ने वर्ष 2016-17 में भारत में 62.7 अरब डॉलर की धनराशि भेजी है। इनमें से 40 फीसदी धनराशि ग्रामीण क्षेत्रों में भेजी गई है, जिसका बड़ा हिस्सा स्वास्थ्य सेवा, बेहतर शिक्षा और जीवन स्तर बढ़ाने में खर्च किया गया है।

Download this article as PDF by sharing it

Thanks for sharing, PDF file ready to download now

Sorry, in order to download PDF, you need to share it

Share Download