सरकार ने देश में ई कचरे के पर्यावरण अनुकूल प्रभावी प्रबंधन के लिए ई कचरा नियमों में संशोधन किया है। नियमों में बदलाव देश में ई कचरा निबटान को सुव्यवस्थित बनाने के लिए ई कचरे के पुनर्चक्रण या उसे विघटित करने के काम में लगी इकाइयों को वैधता प्रदान करने तथा उन्हें संगठित करने के इरादे से किया गया है| ई कचरा प्रबंधन संशोधन नियम 2018 की कुछ मुख्य विशेषताएं इस प्रकार है
- ई कचरा संग्रहण के नए निधार्रित लक्ष्य एक अक्तूबर 2017 से प्रभावी माने जाएंगे। विभिन्न चरणों में ई कचरे का संग्रहण लक्ष्य 2017 18 के दौरान उत्पन्न किए गए कचरे के वजन का 10 फीसदी होगा जो 2023 तक प्रतिवर्ष 10 फीसदी के हिसाब से बढ़ता जाएगा। वर्ष 2023 के बाद यह लक्ष्य कुल उत्पन्न कचरे का 70 फीसदी हो जाएगा।
- यदि किसी उत्पादक के बिक्री परिचालन के वर्ष उसके उत्पादों के औसत आयु से कम होंगे तो ऐसे नए ई उत्पादकों के लिए ई कचरा संग्रहण के लिए अलग लक्ष्य निर्धारित किए जाएंग।उत्पादों की औसत आयु समय समय पर केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा निर्धारित की जाएगी।.
- हानिकारक पदार्थों से संबधित व्यवस्थाओं आरओच के तहत ऐसे उत्पादों की जांच के खर्च सरकार वहन करेगी यदि उत्पाद आरओएच की व्यवस्थओं के अनुरूप नहीं हुए तो उस हालत में जांच का खर्च उत्पादक को वहन करना होगा।
- उत्पादक जवाबदेही संगठनों को नए नियमों के तहत कामकाज करने के लिए खुद को पंजीकृत कराने के लिए केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के समक्ष आवेदन करना होगा।