भारत वन स्‍थिति रिपोर्ट 2017 (India state of forest report 2017)

India state of forest report 2017 Summery
     वन क्षेत्र के मामले में भारत दुनिया के शीर्ष 10 देशों में है। 
    ऐसा तब है जबकि बाकी 9 देशों में जनसंख्‍या घनत्‍व 150 व्‍यक्‍ति/वर्ग किलोमीटर है और भारत में यह 382 व्‍यक्‍ति/वर्ग किलोमीटर है। 
    भारत के भू-भाग का 24.4 प्रतिशत हिस्‍सा वनों और पेड़ों से घिरा है, हालांकि यह विश्‍व के कुल भूभाग का केवल 2.4 प्रतिशत हिस्‍सा है ओर इनपर 17 प्रतिशत मनुष्‍यों की आबादी और मवेशियों की 18 प्रतिशत संख्‍या की जरूरतों को पूरा करने का दवाब है।
    संयुक्‍त राष्‍ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन की ताजा रिपोर्ट के अनुसार भारत को दुनिया के उन 10 देशों में 8 वां स्‍थान दिया गया है जहां वार्षिक स्‍तर पर वन क्षेत्रों में सबसे ज्‍यादा वृद्धि दर्ज हुई है।
    देश में वन और वृक्षावरण की स्‍थिति में 2015 की तुलना में 8021 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है। इसमें 6,778 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि वन क्षेत्रों में हुई है, जबकि वृक्षावरण क्षेत्र में 1243 वर्ग किलोमीटर की बढोत्‍तरी दर्ज की गई है। 
    देश के कुल भौगोलिक क्षेत्र में वनों और वृक्षावरण क्षेत्र का हिस्‍सा 24.39 प्रतिशत है। पर्यावरण मंत्री ने कहा कि इसमें सबसे उत्‍साहजनक संकेत घने वनों का बढ़ना है। घने वन क्षेत्र वायुमंडल से सर्वाधिक मात्रा में कार्बन डाइऑक्‍साइड सोखने का काम करते हैं। 
    घने वनों का क्षेत्र बढ़ने से खुले वनों का क्षेत्र भी बढ़ा है। 
    आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और केरल का प्रदर्शन सबसे अच्‍छा रहा। आंध्र प्रदेश में वन क्षेत्र में 2141 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई, जबकि कर्नाटक 1101 किलोमीटर और केरल 1043 वर्ग किलोमीटर वृद्धि के साथ दूसरे व तीसरे स्‍थान पर रहा।
    क्षेत्र के हिसाब से मध्‍य प्रदेश के पास 77414 वर्ग किलोमीटर का सबसे बड़ा वन क्षेत्र है, जबकि 66964 वर्ग किलोमीटर के साथ अरूणाचल प्रदेश और छत्‍तसीगढ क्रमश: दूसरे व तीसरे स्‍थान पर है।
     कुल भू-भाग की तुलना में प्रतिशत के हिसाब से लक्षद्वीप के पास 90.33 प्रतिशत का सबसे बड़ा वनाच्‍छादित क्षेत्र है। इसके बाद 86.27 प्रतिशत तथा 81.73 प्रतिशत वन क्षेत्र के साथ मिजोरम और अंडमान निकोबार द्वीप समूह क्रमश: दूसरे व तीसरे स्‍थान पर है। 
    देश के 15 राज्‍यों और केंद्रशासित प्रदेशों का 33 प्रतिशत भू-भाग वनों से घिरा है। इनमें से 7 राज्‍यों और संघ शासित प्रदेशों जैसे मिजोरम, लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, नगालैंड, मेघालय और मणिपुर का 75 प्रतिशत से अधिक भूभाग वनाच्‍छादित है, जबकि त्रिपुरा, गोवा, सिक्‍किम, केरल, उत्‍तराखंड, दादर नागर हवेली, छत्‍तीसगढ और असम का 33 से 75 प्रतिशत के बीच का भूभाग वनों से घिरा है। देश का 40 प्रतिशत वनाच्‍छादित क्षेत्र 10 हजार वर्ग किलोमीटर या इससे अधिक के 9 बड़े क्षेत्रों के रूप में मौजूद है
    भारत वनस्‍थिति रिपोर्ट 2017 के अनुसार देश में कच्‍छ वनस्‍पति का क्षेत्र 4921 वर्ग किलोमीटर है, जिसमें वर्ष 2015 के आकलन की तुलना में कुल 181 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है। कच्‍छ वनस्‍पति वाले सभी 12 राज्‍यों में कच्‍छ वनस्‍पति क्षेत्र में पिछले आंकलन की तुलना में सकारात्‍मक बदलाव देखा गया है। कच्‍छ वनस्‍पति जैव विविधता में समृद्ध होती है जो कई तरह की पारिस्‍थितिकीय आवश्‍यकताओं को पूरा करती है।
    रिपोर्ट के अनुसार देश में वाह्य वन एवं वृक्षावरण का कुल क्षेत्र 582.377 करोड़ घन मीटर अनुमानित है, जिसमें से 421.838 करोड़ घन मीटर क्षेत्र वनों के अंदर है, जबकि 160.3997 करोड़ घन मीटर क्षेत्र वनों के बाहर है। पिछले आंकलन की तुलना में बाह्य एवं वृक्षावरण क्षेत्र में 5.399 करोड़ घन मीटर की वृद्धि हुई है, जिसमें 2.333 करोड़ घन मीटर की वृद्धि वन क्षेत्र के अंदर तथा 3.0657 करोड़ घन मीटर की वृद्धि वन क्षेत्र के बाहर हुई है। इस हिसाब से यह वृद्धि पिछले आंकलन की तुलना में 3 करोड़ 80 लाख घन मीटर रही।
    रिपोर्ट में देश का कुल बांस वाला क्षेत्र 1.569 करोड़ हेक्‍टेयर आकलित किया गया है। वर्ष 2011 के आकलन की तुलना में देश में कुल बांस वाले क्षेत्र में 17.3 लाख हेक्‍टेयर की वृद्धि हुई है। बांस के उत्‍पादन में वर्ष 2011 के आकलन की तुलना में 1.9 करोड़ टन की वृद्धि दर्ज हुई है। सरकार ने वन क्षेत्र के बाहर उगाई जाने वाली बांस को वृक्षों की श्रेणी से हटाने के लिए हाल ही में संसद में एक विधेयक पारित किया है। इससे लोग निजी भूमि पर बांस उगा सकेंगे जिससे किसानों की आजीविका बढ़ाने में मदद मिलेगी। इससे देश में हरे-भरे क्षेत्रों का दायरा भी बढ़ेगा और कार्बन सिंक बढाने में भी मदद मिलेगी। 
     रिपोर्ट में दी गई जानकारी देश की वन सम्‍पदा की निगरानी और उसके संरक्षण के लिए वैज्ञानिक पद्धति पर आधारित प्रबंधन व्‍यवस्‍था और नीतियां तय करने में काफी सहायक है। यह रिपोर्ट भारत सरकार की डिजिटल इंडिया की संकल्‍पना पर आधारित है, इसमें वन एवं वन संसाधनों के आकलन के लिए भारतीय दूर संवेदी उपग्रह रिसोर्स सेट-2 से प्राप्‍त आंकड़ों का इस्‍तेमाल किया गया है। रिपोर्ट में सटीकता लाने के लिए आंकड़ों की जांच के लिए वैज्ञानिक पद्धति अपनाई गई है।
    जल संरक्षण के मामले में वनों के महत्‍व को ध्‍यान में रखते हुए रिपोर्ट में वनों में स्‍थित जल स्रोतों का 2005 से 2015 के बीच की अवधि के आधार पर आकलन किया गया है, जिससे पता चला है कि ऐसे जल स्रोतों में आकलन अवधि के दौरान 2647 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि दर्ज हुई है।   

#UPSC #RPSC #RAS #CGPCS #MPPCS #UKPCS 

Download this article as PDF by sharing it

Thanks for sharing, PDF file ready to download now

Sorry, in order to download PDF, you need to share it

Share Download