नीति आयोग ने पांच क्षेत्रों में 49 संकेतों के आधार पर 115 महत्वाकांक्षी जिलों (Aspirational districts)के लिए आधारभूत रैंकिंग शुरू की है जिसमें स्वास्थ्य और पोषण, शिक्षा, कृषि और जल संसाधन, वित्तीय समावेश और कौशल विकास और बुनियादी ढांचा शामिल हैं.(Gshindi)
आकांक्षी जिला(Aspirational districts) सूचकांक के निर्माण के लिए निम्न मापदंडों को आधार बनाया गया है:-
- स्वास्थ्य और पोषण (13 सूचक, 30 प्रतिशत भारिता), शिक्षा (8 सूचक, 30 प्रतिशत भारिता), कृषि और जलस्रोत (10 सूचक, 20 प्रतिशत भारिता), वित्तीय समावेश और कौशल विकास (10 सूचक, 10 प्रतिशत भारिता) और आधारभूत संरचना (7 सूचक, 10 प्रतिशत भारिता)।
- यह कार्यक्रम देश के प्रत्येक भाग में एकसमानविकास लाएगा। इस कार्यक्रम की निगरानी तथा इसका प्रशासन वास्वतिक समय पर दर्ज किए गए आंकड़ों के आधार पर किया जाएगा।(Coreias)
- यह कार्यक्रम एक प्रतिस्पर्धी संघवाद का उदाहरण है। इस कार्यक्रम से भारत के प्रत्येक कोने में समन्वय बढ़ेगा। इस पहल को जमीनी स्तर पर टाटा ट्रस्ट, पिरामल फाउंडेशन, आईटीसी, एल एंड टी जैसी कंपनियों का समर्थन मिला है। बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन तथा आईडीइनसाइट जैसी संस्थाएं सर्वेक्षण का काम करेगी।
- जिलों के प्रदर्शन को भारत में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले जिलों के साथ मिलान किया जाएगा। विकास की गतिविधियों को वास्तविक समय के आधार पर दर्ज किया जाएगा। इसके लिए एक डैश बोर्ड का निर्माण किया गया है। कार्यक्रम के महत्वपूर्ण परिणाम निम्न होंगे:-
- विकास गतिविधियों का राज्यों में तेजी से विस्तार
- एक महत्वपूर्ण रणनीति के तहत जिलों के मध्य सहयोगी प्रतिस्पर्धा
- सरकारी योजनाओं को बेहतर बनाने का अवसर