- वर्ष में दो बार होने वाला अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा फोरम मंत्रिस्तरीय सम्मेलन वैश्विक ऊर्जा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए दुनिया के ऊर्जा मंत्रियों का सबसे बड़ा सम्मेलन है। आईईएफ की मंत्रिस्तरीय बैठकें राजनीतिक और तकनीकी स्तर पर अनौपचारिक चर्चा है जिसका उद्देश्य बेहतर जानकारी और अनुभवों के आदान-प्रदान जरिए नीतिगत और निवेश संबंधी फैसलों में सुधार लाना है।
- रियाद स्थित अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा मंच (आईईएफ) एक अंतर-सरकारीय व्यवस्था है जिसकी स्थापना 1991 में की गई थी। यह अपने सदस्यों के बीच अनौपचारिक, खुली, जानकारी के साथ और निरंतर वैश्विक ऊर्जा बातचीत के तटस्थ सहायक के रूप में कार्य करता है। यह ट्रांजिट देशों सहित ऊर्जा उत्पादक और ऊर्जा उपभोग करने वाले देशों को मिलाकर बना है। (#GSHINDI #TheCore IAs)
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- International Energy Forum के भारत सहित 72 सदस्य देश हैं, जिन्होंने आईईएफ के चार्टर पर हस्ताक्षर किए हैं। इसकी सदस्यता वैश्विक आपूर्ति और तेल और गैस की मांग का 90 प्रतिशत है।
- इसके कार्यकारी बोर्ड का गठन 2002 में किया गया था। इसके संचालन बोर्ड में सदस्य देशों के मंत्रियों के 31 मनोनीत प्रतिनिधि शामिल हैं। इसकी बैठकें वर्ष में दो बार होती हैं। अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) और पेट्रोलियम निर्यातक देशों का संगठन (ओपेक) कार्यकारी बोर्ड के वोट नहीं करने वाले सदस्य हैं। कार्यकारी बोर्ड की अध्यक्षता अगली मंत्रिस्तरीय द्विवार्षिक बैठक का मेजबान देश करता है। इस समय आईईएफ के कार्यकारी बोर्ड का अध्यक्ष भारत है।
- तेल और गैस का 11वां सबसे बड़ा शीर्ष उपभोक्ता होने के नाते (वर्तमान में भारत चौथा) भारत 2002 सेकार्यकारी बोर्ड का स्थायी सदस्य है। भारत ने इससे पहले 1996 में गोवा में 5वीं आईईएफ मंत्रिस्तरीय बैठक की मेजबानी की थी। (#GSHINDI #TheCore IAs)
- सदस्य देशों के अलावा 20 अन्य देशों को आमंत्रित किया गया है जहां भारत के तेल और गैस से जुड़े हित हैं।