दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM), ग्रामीण विकास मंत्रालय की एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसका उद्देश्य गरीबों के सतत सामुदायिक संस्थानों की स्थापना करना तथा इसके माध्यम से ग्रामीण गरीबी समाप्त करना तथा आजीविका के विविध स्रोतों को प्रोत्साहन देना है। केन्द्र द्वारा प्रायोजित इस कार्यक्रम को राज्यों के सहयोग से लागू किया गया है।
- इस मिशन को 2011 में लॉंच किया गया था।
सामुदायिक संस्थान का निर्माण
वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान पूरे देश में 6.96 लाख स्वयं-सहायता समूहों (एसएचजी) के माध्यम से 82 लाख परिवारों को जोड़ा गया। 40 लाख स्वयं-सहायता समूहों के माध्यम से 4.75 करोड़ महिलाओं को इस कार्यक्रम से जोड़ा गया।
वित्तीय समावेश
वित्तीय समावेश रणनीति के तहत मिशन, एसएचजी को बैंक ऋण उपलब्ध कराने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई), वित्त सेवा विभाग (डीएफएस) तथा भारतीय बैंक महासंघ (आईबीए) के साथ मिलकर कार्य करता है।
सुदूर क्षेत्रों में वित्तीय सेवाएं
वित्तीय सेवाओं को अंतिम व्यक्ति तक उपलब्ध कराने में भी मिशन को महत्वपूर्ण सफलता मिली है। स्वयं-सहायता समूहों के 1518 सदस्यों को बैंक एजेंट के रूप में कार्य करने का मौका दिया गया है।
ब्याज भुगतान में आर्थिक सहायता
दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) महिला स्वयं सहायता समूहों को ब्याज भुगतान में आर्थिक सहायता उपलब्ध कराता है। इससे ऋण का ब्याज भुगतान सात प्रतिशत प्रति वर्ष हो जाता है। इसके अलावा 250 जिलों में समय पर ऋण भुगतान की स्थिति में ब्याज में तीन प्रतिशत की अतिरिक्त कमी की जाती है।
महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना और मूल्यवर्द्धन श्रृंखला
कृषि-पर्यावरण गतिविधियों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से मिशन ने महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना लागू किया है,जो महिला किसानों की आमदनी को बढ़ाएगा और कृषि लागत तथा जोखिम में कमी लाएगा। इस योजना के तहत 33 लाख महिला किसानों को सहायता उपलब्ध कराई गई हैं (मार्च-2018)। मूल्यवर्द्धन गतिविधियों के अंतर्गत कृषि, बागवानी,डेयरी, मत्स्य पालन, वन उत्पाद (गैर-काष्ठ) आदि को शामिल किया गया हैं। छोटे और सीमांत किसानों द्वारा उगाये जाने वाली फसल जैसे मक्का, आम, फूल की खेती, डेयरी आदि को मूल्यवर्द्धन गतिविधियों में शामिल किया गया है।
सामुदायिक आजीविका
मिशन का महत्वपूर्ण लक्ष्य है-समुदाय आधारित कार्यान्वयन। इसके लिए 1.72 लाख सामुदायिक सदस्यों को प्रशिक्षण दिया गया है, ताकि वे सामुदायिक संस्थानों को सहायता प्रदान कर सकें। प्रशिक्षण कार्यक्रम में लेनदेन का हिसाब रखने, क्षमता निर्माण करने, वित्तीय सेवा उपलब्ध कराने जैसी गतिविधियों को शामिल किया गया हैं। इसमें 22 हजार सामुदायिक आजीविका संसाधन व्यक्ति (सीएलपीआर) जैसे कृषि सखी, पशु सखी शामिल हैं, जो चौबीसों घंटे सेवा उपलब्ध कराते है।
स्टार्टअप ग्राम उद्यमिता कार्यक्रम तथा आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना
गैर कृषि आजीविका रणनीति के तहत दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन स्टार्टअप ग्राम उद्यमिता कार्यक्रम (एसवीईपी) तथा आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना (एजीईवाई) लागू कर रही है। एसवीईपी का उद्देश्य स्थानीय स्तर पर उद्यम स्थापित करने के लिए ग्रामीण उद्यमियों की सहायता करना है। इस योजना के तहत 17 राज्यों में लगभग 16,600 उद्यमों को सहायता प्रदान की गई है। इससे 40 हजार लोगों को रोजगार मिला है।
आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना (एजीईवाई) को अगस्त 2017 में लॉंच किया गया था। इसका उद्देश्य सुदूर गांवों को ग्रामीण परिवहन व्यवस्था से जोड़ना है। मार्च 2018 तक 17 राज्यों के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है और 288 वाहन संचालन में हैं।
दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्या योजना
दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की उपयोजना है - दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्या योजना (डीडीयूजीकेवाई)। इस उपयोजना का उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान करके उन्हें अधिक वेतन वाले रोजगार दिलाना है।
ग्रामीण स्वयं रोजगार प्रशिक्षण संस्थान
ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए मिशन ने 31 बैंकों तथा राज्य सरकारों के साथ समझौता किया है। इसके तहत ग्रामीण स्वयं रोजगार संस्थानों (आरएसईटीआई) को सहायता प्रदान की जा रही है। वर्तमान में मिशन 586 ऐसे संस्थानों की मदद कर रहा है।
डीएवाई-एनआरएलएम का स्वतंत्र आकलन
ग्रामीण प्रबंधन संस्थान, आणंद (आईआरएमए) को डीएवाई-एनआरएलएम की डिजाइन, रणनीति और प्रभाव स्वतंत्र आकलन का जिम्मेदार दी गई थी। इसके अध्ययन के रूप में जनवरी से मार्च 2017 के बीच हुए सर्वेक्षण में 746 गांवों के करीब 4500 घरों को शामिल किया गया था।
वित्त वर्ष 2018-19 के लिए मिशन की प्रमुख प्राथमिकताएं
- मिशन विस्तार
- कृषि आजीविका को प्रोत्साहन
- गैर-कृषि आजीविका को प्रोत्साहन
- ग्रामीण हाट की स्थापना
- वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान पूरे देश में 4,567 ग्रामीण हाट स्थापित करने की योजना है।
- औपचारिक वित्तीय संस्थान तक ग्रामीण गरीबों की पहुंच सुनिश्चित करना
- वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान 22 लाख स्वयं सहायता समूहों को 42,500 करोड़ रुपये का बैंक ऋण उपलब्ध कराने की योजना है।
- ग्रामीण स्वयं रोजगार प्रशिक्षण संस्थान