चंद्रयान-2 के बारे में खास बातें
-चंद्रयान-2 का कुल भार 3,290 किलोग्राम है।
-यान एक से दो महीने में चांद तक पहुंचेगा।
-चंद्रमा की कक्षा तक पहुंचने के बाद, लैंडर ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा और चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव के पास लैंडिंग करेगा।
-लैंडर के अंदर लगे 6-पहिए वाले रोवर अलग हो जाएंगे और चंद्रमा की सतह पर आगे बढ़ेंगे।
-रोवर में इतनी क्षमता है कि वह चांद पर 14 दिन रुक सकता है और 150-200 किमी. तक चल सकता है।
-रोवर चांद की सतह का परीक्षण करेगा और वहां से 15 मिनट में तस्वीरें धरती पर भेजेगा।
-14 दिनों के बाद रोवर स्लीप मोड पर चला जाएगा और सूर्य का प्रकाश पड़ने पर दोबारा काम करने लगेगा।
एेसे काम करेगा चंद्रयान-2
- चंद्रमा की कक्षा तक पहुंचने के बाद, लैंडर ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा और चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव के पास लैंडिंग करेगा। लैंडर के अंदर लगे 6-पहिए वाले रोवर अलग हो जाएंगे और चंद्रमा की सतह पर आगे बढ़ेंगे।
रोवर को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह चंद्रमा की सतह पर 14 दिन तक रह पाएगा और 150-200 किमी तक चलने में सक्षम होगा।
- रोवर फिर 15 मिनट के भीतर चंद्रमा की सतह के आंकड़े और छवियों को पृथ्वी पर भेज देगा। 14 दिनों के बाद रोवर स्लीप मोड में जाएगा। एक बार फिर रोवर काम करेगा जब चांद पर धूप होगी और उसके सोलर सेल दोबारा रिचार्च होंगे।'
विशेष: इसे श्रीहरिकोटा से इसे लॉन्च किया जाएगा और लॉन्च होने के एक से दो महीनों में यह यान चंद्रमा की कक्षा तक पहुंच जाएगा। पृथ्वी से चंद्रमा की दूरी 3,82,000 किलोमीटर दूर है।