Corona & INDIA
कोरोना वायरस से भारत में अब तक दो मौतें हो चुकी हैं. 83 लोग इससे संक्रमित हैं. इसके बावजूद कह सकते हैं कि भारत अब तक अपेक्षाकृत भाग्यशाली रहा है. हमारे पड़ोसी चीन और दुनिया में कोरोना वायरस 4500 से भी ज्यादा लोगों की जान ले चुका है. करीब सवा लाख लोग इससे संक्रमित हैं.
MYTH & Arguments of People
भारत में कोरोना वायरस के मामलों की कम संख्या देखते हुए कई दावा कर रहे हैं कि यहां लोगों की प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा है इसलिए कोरोना का असर कम ही रहेगा. कई इतिहास का हवाला देते हुए यह भी कह रहे हैं कि फ्लू पैदा करने वाले वायरसों का भारतीय आबादी पर ज्यादा असर नहीं होता. हालांकि ये दोनों ही दावे गलत हैं. कुछ लोग तो यहां तक कह रहे हैं कि यात्रा और खेल आयोजनों पर पाबंदियां लगाना पागलपन है.
Steps by India
- भारत ने कुछ बड़े कदम उठाए हैं. कुछ अपवादों को छोड़कर विदेश से आने वाले सभी लोगों के वीजा निलंबित कर दिए गए हैं. यानी देश को एक लिहाज से बाकी दुनिया से अलग-थलग कर दिया गया है.
- कई राज्यों ने कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर दिया है. इसके बाद सरकारों को बीमारी से निपटने के लिए कड़े कदम उठाने का अधिकार मिल जाता है. उदाहरण के लिए दिल्ली ने सभी शिक्षण संस्थानों और सिनेमाघरों को महीने के आखिर तक के लिए बंद कर दिया है. केरल यह काम पहले ही कर चुका है. आईपीएल को भी 15 अप्रैल तक के लिए टाल दिया गया है.
ये काफी बड़े कदम हैं जिनके चलते उथल-पुथल मच गई है. एक महीने के लिए भारत को विदेशियों के लिए बंद करने के बड़े आर्थिक परिणाम होंगे. इसी तरह कई अहम आयोजन रद्द करने से स्थानीय अर्थव्यवस्था पर चोट पड़ेगी और सरकार को इस समस्या से निपटने के भी इंतजामों के बारे में सोचना होगा.
लेकिन इन बड़े कदमों के पीछे एक सीधा सा कारण है और वह यह है कि कोरोना वायरस बहुत तेजी और आसानी से फैल रहा है. महज 20 दिन के भीतर इटली में इसके मरीजों की संख्या 10 से 10 हजार तक पहुंच गई. ईरान, दक्षिण कोरिया और स्पेन जैसे एक-दूसरे से बहुत दूर बसे देशों में भी यही पैटर्न देखा गया है.
Effective Measures
कोरोना वायरस से निपटने की दिशा में जो कदम सबसे प्रभावी रहा है वह है शुरुआत में ही संक्रमित व्यक्ति की पहचान और फिर उसे आइसोलेट यानी अलग-थलग किया जाना. भारत भी इस पर काफी ध्यान दे रहा है. उन लोगों का पता लगाया जा रहा है कि जो कोरोना वायरस से ग्रस्त देशों से यहां पहुंचे हैं और उनका भी जो उनके संपर्क में आए हैं. यह काम कितना प्रभावी तरीके से हो रहा है वह अलग बहस का विषय है, लेकिन कम से कम सरकार की नीति स्पष्ट है.
कम से कम सामाजिक संपर्क (Social Distancing)
दूसरा सबसे प्रभावी कदम रहा है सामाजिक संपर्क कम करना यानी सोशल डिस्टेंसिंग ताकि वायरस को आसानी से फैलने से रोका जा सके. इसमें सिनेमा जाने से लेकर छुट्टियों में घूमने के कार्यक्रम टालना भी शामिल है. यह भी जरूरी है कि भीड़भाड़ वाली जगहों पर न जाया जाए. बहुत से लोग इसे पागलपन कह सकते हैं, लेकिन यह जरूरी है ताकि हालात काबू से बाहर न जाएं और आखिर में ऐसा आपको मजबूरी में न करना पड़े.
Reference: Satyagriha