आकाशगंगा में सितारे आकाशगंगा में ही मौजूद आणविक बादलों द्वारा बनते हैं। यह माना जाता है कि हमारी आकाशगंगा में अधिकांश सितारे तारा-गुच्छ के रूप में बनते हैं, जो सितारों की उत्पत्ति की प्रक्रिया को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण सूत्र प्रदान करते हैं। खुले सितारा समूह गुरुत्वाकर्षण से बंधे तारों की एक व्यवस्था है जिसमें सितारों का जन्म एक ही तरह के आणविक बादलों से होता है। एक समूह के सितारों की उत्पत्ति के समय सभी सितारे अपने प्रारंभिक सितारों के ही विकासवादी अनुक्रम का पालन करते हैं। खुले समूह आकाशगंगा की उत्पत्ति और विकास की खोज के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं, क्योंकि यह पूरी आकाशगंगा के सीमा क्षेत्र में फैले होते हैं।
भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के अंतर्गत एक स्वायत्त विज्ञान संस्थान आर्यभट्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ ऑब्जर्वेशनल साइंसेज (एआरआईईएस) के खगोलविदों ने यह पाया है कि विभिन्न समूहों के सितारे खुले समूहों में सह-अस्तित्व में रह सकते हैं। किन्तु पहले यह समझने की चुनौती है कि क्या एक खुले क्लस्टर में सितारों की उम्र समान होती है।
नक्षत्रीय विकास के अलावा, शोधकर्ताओं ने पहली बार इन समूहों के सक्रिय विकास का भी अध्ययन किया। गुच्छों से संबंधित तारों के द्रव्यमान फैलाव को देखते हुए यह जानकारी मिली कि गुच्छों के भीतरी क्षेत्र में बड़े पैमाने पर तारों का अधिमान्य फैलाव देखा गया, जबकि गुच्छों के बाहरी क्षेत्र की ओर कम द्रव्यमान वाले तारे पाए गए।