Ø भारतीय वैज्ञानिकों ने शनि जितने बड़े एक ग्रह की खोज की है.
Ø फिजिकल रिसर्च लेबोरेटरी (पीआरएल) के वैज्ञानिकों ने यह खोज स्वदेशी तकनीक से बने ‘पीआरएल एडवांस रेडियल-वेलोसिटी अबू-स्काई सर्च’ (पारस) की मदद से की है.
Ø इससे पहले नासा के अंतरिक्षयान केपलर 2 ने इस ग्रह से संबंधित कुछ जानकारियां भेजी थीं लेकिन, उनसे इस नए ग्रह की पुष्टि नहीं हो पाई थी.
Ø इसके बाद पारस स्पेक्टोग्राफ के जरिये भारतीय वैज्ञानिकों ने ग्रह के आकार का आकलन किया था. इस दौरान उन्हें ग्रह के 60-70 प्रतिशत हिस्से पर बर्फ, सिलिकेट और लोहे जैसे तत्वों का पता चला. इस खोज के बाद भारत सितारों के आसपास के ग्रह खोजने वाले देशों की सूची में शामिल हो गया है.
Ø यह ग्रह अपने सितारे के काफी नजदीक है इसलिए इसकी सतह का तापमान करीब 600 डिग्री सेल्सियस पाया गया है. इसकी वजह है इसका अपने सूरज से काफी नजदीक होना.
Ø इसरो के मुताबिक यह पृथ्वी से सूरज की दूरी के मुकाबले अपने सूरज से सात गुना नजदीक है. इस वजह से यहां जीवन की उत्पत्ति नहीं हो सकती. वैज्ञानिकों का कहना है कि इस ग्रह की खोज के बाद ऐसे और ग्रहों के बारे में जानने में मदद मिलेगी जो अपने सूरज के काफी नजदीक हैं.