ऑस्ट्रेलिया में दुनिया की सबसे बड़ी लिथियम ऑयन बैटरी का संचालन शुरू हो गया है. इसके साथ तकनीक क्षेत्र की जानी-मानी कंपनी टेस्ला इंक अपनी अनोखी शर्त पूरी करने में सफल हो गई है
टेस्ला के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एलन मस्क ने सितंबर के अंत में दक्षिण ऑस्ट्रेलिया की राज्य सरकार के साथ इस शर्त के साथ इसे बनाने का करार किया था कि अगर उनकी कंपनी इसे 100 दिन में नहीं बना पाती है तो वह इसके लिए कोई भुगतान नहीं लेगी. हालांकि, कंपनी 100 दिन तय सीमा से एक माह पहले ही इसे चालू करने में सफल रही है.
दक्षिण ऑस्ट्रेलिया में स्थापित 100 मेगावॉट की इस लिथियम ऑयन बैटरी का उद्घाटन राज्य के प्रमुख जे वेदरिल और फ्रांस की कंपनी नियॉन के उप कार्यकारी अधिकारी रोमेन डेसरूसो ने किया.
यह कंपनी यहां पर विंड एनर्जी पार्क चलाती है, जिससे इस बैटरी को जोड़ा गया है. इसे निर्माण क्षेत्र में नया इतिहास बताते हुए जे वेदरिल ने कहा कि अब पिछले साल की तरह पूरे राज्य में बिजली गुल होने की घटना दोबारा नहीं होगी. वहीं, राज्य सरकार ने अपने बयान में कहा है कि जेम्सटाउन में बने अक्षय ऊर्जा के नए स्रोत से 24 घंटे और सातों दिन स्वच्छ और सस्ती पवन ऊर्जा मिल सकेगी, चाहे हवा चल रही हो या नहीं.
उधर, टेस्ला के प्रमुख एलन मस्क ने इस बैटरी को दुनिया में स्थापित होने वाली अगली सबसे बड़ी बैटरियों से तीन गुना शक्तिशाली बताया है. उन्होंने कहा है कि यह पूरी तरह चार्ज होने पर 30 हजार घरों को एक घंटे तक बिजली दे सकती है. दक्षिण ऑस्ट्रेलिया पूरी तरह से पवन ऊर्जा पर निर्भर है. हाल में उसने अपनी ऊर्जा व्यवस्था को दुरुस्त बनाने के लिए 55 करोड़ डॉलर की ऊर्जा योजना की घोषणा की है.