अमेरिकी वैज्ञानिकों ने एक ऐसा सिक्योरिटी सिस्टम बनाया है जिससे हृदय के जरिये कंप्यूटर को लॉग इन किया जा सकेगा. यह सिस्टम यूजर के दिल के साइज़ यानी आकार को उसकी विशेष पहचान के रूप में इस्तेमाल करेगा. वैज्ञानिकों के मुताबिक उनका यह सिस्टम पासवर्ड और अन्य बायोमेट्रिक प्रणालियों से कहीं ज्यादा सुरक्षित है और इसका इस्तेमाल करने वाले किसी एक व्यक्ति के कंप्यूटर को दुनिया में कोई दूसरा व्यक्ति नहीं खोल पायेगा.
इंसान के हृदय का इस्तेमाल कर एक ऐसा सिस्टम बनाया जा सकता है जिसे कोई दूसरा व्यक्ति न खोल सके. इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह यह है कि दुनिया में हर इंसान के दिल का आकार अलग-अलग होता है और साथ ही किसी व्यक्ति के दिल के आकार में भी तब तक कोई बदलाव नहीं होता है जब तक उसे हृदय से संबंधित कोई बड़ी बीमारी न हो
इस सिस्टम को बनाने वाले वैज्ञानिकों ने इसकी कार्य प्रणाली के बारे में भी बताया है. इनके अनुसार यह सिस्टम हृदय को एक विशेष राडार के जरिये स्कैन करेगा. जब यूजर पहली बार इस सिस्टम को इस्तेमाल करेगा तब स्कैनिंग में आठ सेकंड का समय लेगा, लेकिन इसके बाद जब भी यूजर मॉनिटर के सामने आएगा तो स्कैनिंग तुरत-फुरत हो जाएगी.