•नैनोटेक्नोलॉजी एक ऐसी तकनीक है जो 1 एनएम (नैनोमीटर) से लेकर 100 एनएम (1 एनएम मतलब 10-9 मीटर) के आकार की सीमा पर नियंत्रित बदलाव के माध्यम से नई और अभिनव सामग्री बनाती है।
•एनपी वो मटीरियल हैं जो 100 नैनोमीटर से कम से कम एक आयाम छोटे हैं।
•एनपी में सतह-से-वॉल्यूम का ऊंचा अनुपात होता है और वे डिफ्यूजन यानी फैलाव के लिए जबरदस्त चालन बल प्रदान कर सकते हैं, खासकर ऊंचे तापमानों पर। द्रवीकरण के बिना हीटिंग के माध्यम से ठोस या झरझरे द्रव्यमान में सिंटरिंग यानी जमाव होना दरअसल बड़े कणों की तुलना में कम समय के दायरे पर कम तापमान पर घटित हो सकता है। जीएनपी को थोक सोने (1064° सेल्सियस) की तुलना में बहुत कम तापमान (300° सेल्सियस) पर पिघलाया जाता है। ऐसा पाया गया है कि एनपी रोज़मर्रा के अलग अलग उत्पादों को कई इच्छित गुण प्रदान करते हैं। मसलन, जीएनपी में पारंपरिक थोक सोने की तुलना में अधिक सौर विकिरण अवशोषित करने की क्षमता पाई जाती है, जो उन्हें फोटोवोल्टिक सेल निर्माण उद्योग में उपयोग के लिए बेहतर दावेदार बनाती है।