पारदर्शी कंडक्टिंग ग्लास (टीसीजी)

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के बेंगलुरु स्थित एक स्वायत्त संस्थान सेंटर फॉर नैनो एंड सॉफ्ट मैटर साइंसेज (सीईएनएस) के वैज्ञानिकों ने टीसीजी बनाने का एक नया तरीका विकसित किया है, जिससे इसे बनाने का खर्च मौजूदा समय में इस्तेमाल में लाई जा रही टिन युक्त इंडियम ऑक्साइड (आईटीओ) तकनीक की तुलना में 80 प्रतिशत तक कम हो गया है।

औद्योगिक रूप से प्रासंगिक टीसीजी सैकड़ों नैनोमीटर की मोटाई वाले टिन युक्त इंडियम ऑक्साइड (आईटीओ) जैसी कंडक्टिंग कोटिंग के साथ आया है, जहां विशेष रूप से खर्च उच्च गुणवत्ता वाली फिल्म्स के लिए अपनाए गए स्लो डिपॉजिशन रेट्स से जुड़ा होता है। नव निर्मित टीसीजी में मेटल ऑक्साइड के पतले ओवरलेयर के साथ ग्लास सब्सट्रेट पर धातु की जाली होती है। यह डिजाइन आकर्षक है क्योंकि हाइब्रिड इलेक्ट्रोड में धातु की जाली (करीब 5 ओम/स्क्वायर का शीट प्रतिरोध) का उत्कृष्ट संवाहक गुण होता है, जबकि कंडक्टिव ग्लास के लिए ऑक्साइड सतह दी गई है जो आईटीओ पर आधारित उद्योग की मौजूदा जरूरतों के हिसाब से है।

Download this article as PDF by sharing it

Thanks for sharing, PDF file ready to download now

Sorry, in order to download PDF, you need to share it

Share Download