पशुपालन बुनियादी ढांचा विकास फंड

पृष्ठभूमिः

  • हाल ही में घोषित आत्मनिर्भर भारत अभियान प्रोत्साहन पैकेज के अनुरूप मंत्रिमंडल ने आज पशुपालन बुनियादी ढांचा विकास फंड (एएचआईडीएफ) की स्थापना के लिए 15,000 करोड़ रुपये की मंज़ूरी दे दी है।
  • सरकार ने पूर्व में डेयरी प्रसंस्करण एवं बुनियादी ढांचागत विकास कोष (डीआईडीएफ) को डेयरी के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए सहकारी क्षेत्र द्वारा निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए 10,000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी थी। हालांकि, पशुपालन क्षेत्र में प्रसंस्करण और बेहतर बुनियादी ढांचे के लिए एमएसएमई और निजी कंपनियों को बढ़ावा देने और इसमें उनकी भागीदारी को प्रोत्साहित करने की भी आवश्यकता है।
  • पशुपालन बुनियादी ढांचा विकास फंड (एएचआईडीएफ) डेयरी एवं मीट प्रसंस्करण और पशु आहार संयंत्रों में बुनियादी ढांचे के निवेश को प्रोत्साहित करेगा। एएचआईडीएफ योजना के तहत योग्य लाभार्थी किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ), एमएसएमई, सेक्शन 8 कंपनियां, निजी कंपनियां और निजी उद्यमी होंगे जिन्हें 10 प्रतिशत की मार्जिन राशि का योगदान करना होगा। शेष 90 प्रतिशत की राशि अनुसूचित बैंक द्वारा कर्ज के रूप में उपलब्ध कराई जाएगी।
  • सरकार योग्य लाभार्थी को ब्याज पर 3 प्रतिशत की आर्थिक सहायता मुहैया कराएगी। योग्य लाभार्थियों को मूल कर्ज के लिए दो वर्ष की अधिस्थगन अवधि के साथ कर्ज उपलब्ध कराया जाएगा और कर्ज की पुनर्भुगतान अवधि 6 साल होगी। भारत सरकार 750 करोड़ रुपये के क्रेडिट गारंटी फंड की स्थापना भी करेगी जिसका प्रबंधन नाबार्ड करेगा। क्रेडिट गारंटी उन स्वीकृत परियोजनाओं के लिए दी जाएगी, जो एमएसएमई के तहत परिभाषित होंगी। कर्जदार की क्रेडिट सुविधा की 25 प्रतिशत तक गारंटी कवरेज दी जाएगी।

लाभः

पशुपालन क्षेत्र में निजी क्षेत्र के जरिए निवेश से संभावनाओं के कई रास्ते खुलेंगे। एएचआईडीएफ निजी निवेशकों के लिए ब्याज में आर्थिक सहायता की योजना से इन परियोजनाओं के लिए जरूरी निवेश को पूरा करने में पूंजी की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा और इससे निवेशकों को अपना रिटर्न बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। लाभार्थियों द्वारा प्रसंस्करण और मूल्य वर्धित बुनियादी ढांचे में निवेश से भी निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।

चूंकि भारत में डेयरी उत्पादों के अंतिम मूल्य की लगभग 50-60 प्रतिशत राशि किसानों के पास ही आती है। इसका मतलब इस क्षेत्र में वृद्धि का किसानों की आय पर अहम और सीधा असर पड़ सकता है। डेयरी बाजार का आकार और दूध की बिक्री से किसानों को होने वाली आय का इसमें निजी व सहकारी क्षेत्र के विकास से सीधा और नजदीकी संबंध है। इस प्रकार, एएचआईडीएफ के माध्यम से 15,000 करोड़ रुपये के निवेश प्रोत्साहन से न सिर्फ कई गुना अधिक निजी निवेश का रास्ता खुलेगा, बल्कि यह किसानों को भी इसमें निवेश बढ़ाने को प्रोत्साहित करेगा ताकि उनका उत्पादन बढ़ सके जिससे उनकी आय में भी बढ़ोतरी हो। आज एएचआईडीएफ के रूप में कैबिनेट द्वारा मंजूर की गई इस योजना से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर लगभग 35 लाख लोगों को आजीविका का साधन मिल सकेगा।

Download this article as PDF by sharing it

Thanks for sharing, PDF file ready to download now

Sorry, in order to download PDF, you need to share it

Share Download