रासायनिक और औद्योगिक आपदाओं से निपटने की तैयारियों का जायजा लेने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल :एनडीआरएफ: कई प्रांतों में प्रमुख औद्योगिक प्रतिष्ठानों पर अभ्यास करेगा।
- एनडीआरएफ को प्राकृतिक आपदाओं के अलावा रासायनिक, जैविक, रेडियोधर्मी और परमाणु :सीबीआरएन: हादसों की किसी भी स्थिति से निपटने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
- सभी संबंधित पक्षों की भागीदारी सुनिश्चित करने के प्रयास के तहत एनडीआरएफ महानिदेशक ओपी सिंह ने सभी प्रांतों एवं केंद्र शासित राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा है।
- इस पत्र में कहा गया है, ‘कई सुरक्षा निर्देश और अभ्यास पहले से हो रहे हैं, परंतु इस मुद्दे पर सभी संबंधित पक्षों को शिक्षित करने और संवेदनशील बनाने की जरूरत महसूस की गई है। बड़े औद्योगिक स्थलों और मध्यम स्तर की इकाइयों में एनडीआरएफ साझा अभ्यास की योजना बना सकता है।’
- आंकड़ों के अनुसार देश में हादसे के जोखिम वाली 1,750 बड़ी इकाइयां और मध्यम स्तर की औद्योगिक इकाइयां हैं तथा ऐसे कई उद्योग स्थापित भी किए जा रहे हैं।
- इन खतरनाक इकाइयों के संदर्भ में तैयार एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सुरक्षा कदमों के अभाव, तकनीकी खराबी और मानवीय भूल जैसे कई कारण हो सकते हैं जिनसे रासायनिक हादसे हो सकते हैं।
- अभ्यास से निरंतर तैयारी रखने में मदद मिलेगी और ऐसी कोई स्थिति पैदा होने पर उससे प्रभावी ढंग से निपटा जा सकेगा।