सबसे जरूरी है लोगों के पोषण में निवेश करना
विगत दशक के दौरान पोषण ने फिर सबका ध्यान खींचा है और यह राजनीतिक विमर्श का विषय बन गया है। पिछले दो वर्षों में हम नीति-निर्माण के सर्वोच्च स्तर पर पोषण के प्रति प्रतिबद्धता के गवाह रहे हैं। पोषण अभियान इस दिशा में बिल्कुल सामयिक पहल है। इस कार्यक्रम के… Read More
जब राजेंद्र बाबू को लगा था कि देश प्रेम और घर प्रेम में घर का वजन ज्यादा भारी पड़ रहा है
सन 1910 का किस्सा है. राजेंद्र बाबू तब कलकत्ता में वकालत पढ़ रहे थे. यहां एक दिन उन्हें उस दौर के प्रसिद्ध बैरिस्टर श्री परमेश्वर लाल ने बुलाया था. वे कुछ समय पहले ही गोखलेजी से मिले थे. बातचीत में गोखलेजी ने… Read More
हर पिता के भीतर एक नेहरू हो सकते हैं और हर बेटी में एक इंदिरा, बशर्ते कि वे आपस में दोस्त हों
14 नवंबर, 1969 को अपने पिता के 80वें जन्मदिन पर किसी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में इंदिरा ने कहा था- ‘जवाहरलाल नेहरू को मैं एक पिता और एक नेता के साथ-साथ एक दोस्त के रूप में भी जानती थी.’ किसी भी… Read More