बिना रोजगार का कौशल

इन दिनों कई कौशल परिषद फैशन में हैं-कृषि, सौंदर्य एवं तंदुरुस्ती से संबंधित, बीएफएसआई क्षेत्र, पूंजीगत वस्तुएं, निर्माण, रत्न एवं जेवर, चमड़ा क्षेत्र, मीडिया, रिटेलिंग एवं दूरसंचार आदि। यदि गहराई में पड़ताल करेंगे, तो पाएंगे कि कई पाठ्यक्रम ऐसे हैं, जिनमें रोजगार सृजन या नौकरी की गारंटी कहीं नहीं है।

Are they really giving Jobs?

  • मंत्रालय के अनुसार, अब तक बीस लाख युवाओं को कौशल विकास कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित किया गया है, लेकिन बेरोजगारी दर कहीं यह संकेत नहीं देती कि ये लोग कार्यबल का हिस्सा बन गए हैं।
  • इस कार्यक्रम के तहत जिस तरह के कौशल का प्रशिक्षण दिया जाता है, समस्या उसी में है।
  • उदाहरण के लिए बाड़ बांधने, मचान बांधने और सहायक बढ़ई के कोर्स को देख सकते हैं, जिनके तहत कौशल विकास में ऐसा कुछ नहीं जोड़ा जाता, जिससे कोई रोजगार प्राप्त कर सकता है, खासकर ऐसे वक्त में, जब निर्माण एवं रियल एस्टेट क्षेत्र में मंदी चल रही है।
  • इसी तरह स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में लैब टेक्नेशियन के कौशल की कोई स्पष्ट भूमिका नहीं है, जिससे किसी को रोजगार मिले।

इन दोनों पाठ्यक्रमों में मौलिक दोष हैं और गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण कुछ ही केंद्रों पर दिया जाता है। संभवतः कौशल विकास परिषद को उन पाठ्यक्रमों को निर्धारित करने में सक्षम नहीं बनाया गया है, जिनका रोजगार से सीधा संबंध है। यह प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के सृजन के कारण भी हो सकता है, जिसमें युवाओं को स्वयं ही कोई रोजगार शुरू करने पर मुद्रा ऋण योजना के तहत मदद दी जाती है। इसी तरह पीएमकेवीवाई के तहत नामांकित युवाओं की अनिवार्य आधार संख्या को सत्यापित करने में एनएसडीसी सक्षम नहीं है। जाहिर है, उन आंकड़ों पर संदेह होता है, जो दाखिला लेने वालों, सफलतापूर्वक कोर्स पूरा करने और प्रमाणपत्र हासिल करने वाले छात्रों की संख्या दर्शाते हैं।

What needs to be done

उद्योगों को किस तरह के कौशल की तलाश है और उद्योग क्षेत्र में कुशल युवाओं की कितनी कमी है, जिसे भरने की जरूरत है, यह सब जानने के लिए स्पष्ट रूप से कौशल विकास में उद्योग की सहभागिता जरूरी है। इससे न केवल नियोक्ताओं को सही प्रतिभा ढूंढने में मदद मिलेगी, बल्कि रोजगार की तलाश करने वाले छात्रों को भी मदद मिलेगी और उन कौशलों का विकास होगा, जिसकी मांग उद्योगों में है।

PMKVY (Pradhanmantri Kaushal Vikas Yojanaa) & no gurantee of jobs

  • मनरेगा रोजगार गारंटी मॉडल के रूप में परिभाषित है, इसके विपरीत पीएमकेवीवाई ऐसी कोई गारंटी नहीं देता और कौशल विकास का प्रमाणपत्र पाने के बाद भी इसकी कोई गारंटी नहीं है कि आपको रोजगार मिलेगा।
  • जब तक एनएसडीसी भावी कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण केंद्र के रूप में कार्य नहीं करेगा और संभावित नियोक्ताओं के लिए योग्य कर्मचारी की तलाश का केंद्र नहीं बनेगा, कौशल विकास कार्यक्रम काफी हद तक अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर पाएगा।
  •  कुछ वर्ष पहले कर आकलन करने वाले लोगों की आवश्यकता के मद्देनजर सरकार ने टीआरपीएस (कर रिटर्न तैयार करने वाले) कोर्स शुरू किया था, जो यह प्रमाणपत्र पाने वालों को रोजगार सुनिश्चित करता था। यह हालांकि मौसमी रोजगार था, लेकिन कई योग्य लोगों ने अपनी अन्य वित्तीय सेवा कौशल बढ़ाने में इसका इस्तेमाल किया।

Reform required in PMKVY

जब तक पीएमकेवीवाई नौकरी की गारंटी नहीं देता, इसमें असमानता बनी रहेगी, क्योंकि कुछ पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण लेने वालों की संख्या असाधारण रूप से ज्यादा होगी, तो कुछ कोर्सों में दाखिले के लिए लोगों को खोजना पड़ेगा। अभी कई कौशल विकास केंद्र कौशल विकास कार्यक्रम से लाभ कमा रहे हैं। फिलहाल मंत्रालय पीएमकेवीवाई में जरूरी बुनियादी ढांचे को बढ़ा रहा है, लेकिन जब तक इस प्रयास के लाभ या सफलता को परखने के लिए स्पष्ट रूप से गुणवत्ता के ऑडिट की व्यवस्था नहीं होगी, हम बस केवल उन हुनरों को विकसित किए जाने की उम्मीद कर सकते हैं, जिनका प्रशिक्षण लेने वाले नहीं या बहुत कम हैं। इसके प्रभावी ढंग का क्या यह मतलब है कि कौशल विकास के तहत वैसे कोर्स होंगे, जो अस्तित्व में हैं, लेकिन इन्हें रोजगार से नहीं जोड़ा जाएगा। ऐसे में एक हुनरमंद व्यक्ति योग्य होने का एक गलत अर्थ निकालेगा और बेरोजगार ही रहेगा, जिस स्थिति में वह आज है।

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